नाबालिग बेटी पिता को लिवर दे सकती है या नहीं, 24 जून को होगा तय

 

लिवर ट्रांसप्‍लांट का यह अहम मामला हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में विचाराधीन

इंदौर। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ 24 जून को तय करेगी कि नाबालिग बेटी बीमार पिता को अपना लिवर दे सकती है या नहीं। मामले में प्रस्तुत याचिका में गुरुवार को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति विनय सराफ ने एमवायएच अधीक्षक को आदेश दिया कि वे तुरंत एक मेडिकल कमेटी गठित करें।
नाबालिग शुक्रवार 21 जून को इस कमेटी के समक्ष उपस्थित होगी। कमेटी इस बात की जांच करेगी कि वह पिता को लिवर देने के लिए चिकित्सकीय रूप से सक्षम है या नहीं। किडनी देने से भविष्य में उसे कोई परेशानी तो नहीं होगी!

यह है पूरा मामला

गौरतलब है कि बेटमा निवासी 42 वर्षीय शिवनारायण बाथम को डाक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी है। वे पिछले छह वर्ष से लीवर की बीमारी से पीड़ित हैं।
शिवनारायण की बेटी प्रीति अपने पिता को अपना लिवर देने को तैयार है, लेकिन उसकी आयु 17 वर्ष 10 माह होने से वह बगैर कोर्ट की अनुमति के अपना लिवर नहीं दे सकती।