इंदौर संभाग में अब पायलट प्रोजेक्ट पर होगा कार्य
सीमाओं को होगा परिवर्तन, विकास को मिलेगी तेज गति
इंदौर। भविष्य में प्रदेश की सीमाओं में बदलाव से पहले जिलों की सीमाओं में बदलाव किया जा रहा है। शासन ने इसके लिए इंदौर संभाग का चयन पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में किया हैै। इसके कमेटी गठित की गई है जिसके चलते जिलों से प्रस्ताव आना भी शुरू हो चुके है। इंदौर की सीमा में बदलाव को लेकर प्रारंभिक स्तर पर प्रस्ताव तैयार हो चुके है।
जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद उसे अंतिम रुप दिया जाएगा। इंदौर के आसपास घूमने का कार्य भी इस दौरान किया जा रहा है। इंदौर की सीमा से लगे धार जिले में सम्मिलित पीथमपुर जो की ओद्योगिक क्षेत्र है इंदौर की दो तहसील महू और देपालपुर के मध्य स्थित है। यही नहीं यहां के कुछ गांव भी धार जिले के मध्य बटे हुए हैं।
पीतमपुर को इंदौर में सम्मिलित करने से औद्योगिक राजधानी का लाभ मिलेगा और इंदौर नशे में भी तो अलग-अलग भागों में दिखने की बजाए एक साथ नजर आने लगेगा। अभी तक प्रशासन ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया है। इस प्रस्ताव को सम्मिलित करने से इंदौर में व्यापार की दृष्टि से भी कई सुविधाएं उपलब्ध होगी और एक क्षेत्र के लिए दो अलग-अलग जिला के माध्यम से की जाने वाली तैयारी से भी छुटकारा मिलेगा।
इंदौर जिले में दो तहसीलों के मध्य नक्शे पर रिक्त जगह पर मात्र पीथमपुर ही नजर आता है। यह क्षेत्र निर्वाचन उद्योग तथा पुलिस की दृष्टि से भी इंदौर और धार के मध्य बांटा जाता है। पीथमपुर को इंदौर में शामिल करने से शासन को दो अलग-अलग जिलों के माध्यम से किए जाने वाले कार्य जमीनों के आवंटन तथा उद्योग को लेकर किए जाने वाले कार्य में भी सहयोग मिलेगा।