घोटाले की एफआईआर कराने वाले इंजीनियर सुनील गुप्ता का तबादला, 3 महीने बाद अब रिलीव
इंदौर। नगर निगम में हुए 150 करोड़ के घोटाले का मामला फिर गरमा गया हैै। इस घोटाले के मामले में अब तक दस लोग गिरफ्तार हो चुके हैै। घोटाले की एफआईआर एमजी रोड थाने में दर्ज कराने वाले कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता के बारे में नया खुलासा हुआ है।
घोटाला उजागर होने से पहले मार्च में ही उनका तबादला मुरैना हो गया था,लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया गया था। शुक्रवार को जब एमआईसी बैठक में गुप्ता को लेकर हल्ला मचा तो शनिवार को निगमायुक्त शिवम वर्मा ने उनके रिलीव करने के आदेश जारी किए। अब गुप्ता मुरैना नगर निगम मेें अपनी सेवाएं देंगे।
कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता डेढ़ साल से नगर निगम में ड्रेनेज विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। इस विभाग में पहले 26 करोड़ केे घोटाले का मामला उजागार हुआ। मौके पर काम हुए नहीं और बिल मंजूर होने लेखा विभाग मेें चले गए थे। गुप्ता ने पांच ठेकेदार फर्मों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था।
ठेकेदारों को गिरफ्तार किया तो उन्होंने नगर निगम के अधीक्षण यंत्री अभय राठौर का नाम बताया। पुलिस ने उन्हें भी आरोपी बना दिया। राठौर की पत्नी नेे कोर्ट में सुनील गुप्ता के खिलाफ भी शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके पति अभय तो दो साल से निलंबित थे। वेे घोटाला कैसे कर सकते हैै।
फाइलें भी हो चुकी है गायब
घोटाले से जुड़ी फाइलें भी गुप्ता की कार से चोरी हो गई थी। इस पर पर सवाल उठे थे कि दफ्तर के बजाए गुप्ता घोटाले की फाइलें कार में रखकर क्यों घूम रहे थे। फाइलों की फोटोकापी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की, हालांकि अभी तक अफसरों के हस्ताक्षरों की रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली है।