महाकाल मंदिर के सुपरवाइ ने भस्मारती  के 14 हजार लिए और फोन बंद कर लिया

 

– मुंबई के श्रद्धालुओं से फिर हुई ठगी, शिकायत के बाद प्रशासन ने कार्रवाई कर नौकरी से हटाया 

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

महाकाल मंदिर में निजी सुरक्षा एजेंसी के अंतर्गत कार्यरत सुपरवाइजर सूरज गोमे ने भस्मारती अनुमति के नाम पर मुंबई से आए श्रद्धालुओं से 14 हजार रुपए लेे लिए और अपना फोन बंद कर बैठ गया। बेचारे श्रद्धालु आधी रात में भस्मारती के लिए मंदिर में प्रवेश के लिए परेशान होते रहे। 

इसके बाद उन्होंने अपने साथ हुई ठगी की मंदिर प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई तब जाकर प्रशासन ने उक्त सुपरवाइजर पर कार्रवाई की और उसे नौकरी से बाहर कर दिया। महाकाल की भस्मारती में प्रवेश के नाम पर श्रद्धालुओं से रुपए लेने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले एक-दो महीने का रिकॉर्ड देखे तो अब तक कई लोग रुपए लेने की शिकायत दर्ज करा चुके हैं। कई मामलों में तो मंदिर प्रबंध समिति अब तक जांच ही कर रही है। जबकि कुछ मामलों में समिति ने कार्रवाई भी की है। 

मंदिर में सुपरवाइजर ने श्रद्धालुओं के 

आरती में जाने की बात सुन ली थी

मुंबई से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि वे कुल 14 लोग थे और बाबा की भस्मारती में शामिल होना चाहते थे। उन्हें इस तरह की बात करते हुए मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षा एजेंसी के सुपरवाइजर गोमे ने सुन लिया था। गोमे उनके पास आया और कहा कि वह प्रवेश दिलवा सकता है। प्रति व्यक्ति एक हजार रुपए खर्च आएगा। 

परेशानी से बचने व आरती में 

शामिल होने के लालच में दिए पैसे

श्रद्धालुओं ने परेशानी से बचने और आरती में शामिल होने के लालच में उसे पैसे देने की हा भर ली और उसे 14 हजार रुपए दे भी दिए। लेकिन गोमे उन्हें अगले दिन सुबह मिला ही नहीं। उसने जो मोबाइल नंबर दिया वह भी बंद आ रहा था। भस्मारती खत्म होने के बाद उन्होंने मंदिर प्रशासन के कार्यालय मेंं जाकर शिकायत दर्ज कराई। मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया श्रद्धालुओं की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई कर सूरज गोमे को दोषी मानते हुए उसे नौकरी से हटा दिया। 

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