वर्चस्व की लड़ाई में नेता की हत्या, पुलिस को हत्यारों की लोकेशन भोपाल की मिली

 

इंदौर। भाजयुमो उपाध्यक्ष मोनू कल्याणे की हत्या के आरोपी वारदात के तीन घंटे बाद भोपाल भाग गए थे। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस टीम रवाना हुई। इसके बाद आरोपियों के फोन बंद हो गए। इस घटना से गैंगवार की आशंका बढ़ गई है। समझा जा रहा है कि यह हत्या वर्चस्व की लड़ाई में हुई है।

मोनू के साथियों ने रील जारी कर बदला लेने का दावा किया है।
एमवाय अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान मोनू के सैकड़ों समर्थक जमा हो चुके थे। जैसे ही शव उषा फाटक पहुंचा जेल रोड तक जाम लग गया।
तनाव की स्थिति देखते हुए डीसीपी जोन-3 पंकज कुमार पाण्डेय को पांच थानों का बल, क्यूआरएफ और एसटीएफ तैनात करनी पड़ी। शवयात्रा के दौरान भारी संख्या में युवा शामिल हुए। युवाओं के हाथों में भगवा झंडे भी थे। शवयात्रा में नारेबाजी कर बदला लेने की कसम खाई गई।

उधर पुलिस ने आरोपितों की तलाश में छापे मारे लेकिन कुछ भी हाथ नहीं आया। आरोपितों के मोबाइल की लोकेशन निकाली तो अंतिम लोकेशन भोपाल की मिली। बीच में फोन चालू हुआ लेकिन तत्काल बंद कर लिया गया।

वर्चस्व की लड़ाई

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) अमित सिंह के अनुसार प्रारंभिक जांच और पूछताछ में वर्चस्व की लड़ाई सामने आई है। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

मोबाइल चोरी के मामले में छुड़वाने गया था मोनू

हत्या का एक आरोपी लाखों रुपये का ब्याज पर लेनदेन करता है। उसका नाम मोबाइल चोरी में भी आया था। दो दिन पूर्व मोनू ही उसे छुड़वाने एमजी रोड थाने गया था। सूत्रों के मुताबिक थाने से छुड़वाने के बाद मोनू ने दोनों की स्काउट ग्राउंड में पिटाई की थी।

नेता बनने के बाद साथियों को फटकार देता था मोनू

कुछ लोगों ने बताया कि मोनू पदाधिकारी बनने के बाद आरोपियों को कभी भी फटकार देता था। समर्थकों ने कहा कि मोनू की राकेश से पटाखा दुकान को लेकर कहासुनी हुई थी।