शहर में अब ई-रिक्शे दो शिफ्ट में चलेंगे आधे दिन में आधे रात में समय व कोड भी जारी किया दिन में लाल कलर के तो रात में पीले कोड के ई-रिक्शे चलेंगे

 -मंगलवार को कार्तिक मेला ग्राउंड में यातायात पुलिस की मौजूदगी में लॉटरी सिस्टम 
के आधार पर हुआ तय 
 
-आधे  12 घंटे दिन में व आधे 12 घंटे रात में चलेंगे
-शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए नया प्लान 
उज्जैन। शहर में अब ई रिक्शा दो शिफ्ट में चलाए जाएंगे। इनके रूट पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। लेकिन आधे ई-रिक्शा दिन में चलेंगे तो वहीं आधे रात में चलाए जाएंगे तथा  दो शिफ्ट दिन व रात में चलने वाले ई-रिक्शों का समय निर्धारित कर कोड भी जारी किया है। तड़के 3:00 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलने वाले ई-रिक्शा को लाल कलर का कोड जारी किया है। वहीं दोपहर 3 बजे से रात 3:00 बजे तक चलने वाले ई-रिक्शा को पीला कलर का कोड  जारी किया गया है। वहीं यातायात पुलिस द्वारा सभी ई-रिक्शा को  प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है। जो चालकों को अपने ई-रिक्शा पर अनिवार्य रूप से चिपकाकर रखना होगा।  मंगलवार को कार्तिक मेला ग्राउंड में सभी ई रिक्शों की यातायात पुलिस अधिकारीयों व रिक्शा चालक की मौजूदगी में लॉटरी सिस्टम के आधार पर तय किया गया कि कौन से 50 फ़ीसदी ई-रिक्शे दिन में चलेंगे और कौन से 50 फिसदी  ई-रिक्शे रात में.. यह लॉटरी से तय किया गया । यातायात टीआई दिलीप सिंह  परिहार ने बताया की वर्तमान में टोटल  5600 ई-रिक्शे हैं। जिसमें से आधे 2800 ई-रिक्शे दिन में चलेंगे व आधे 2800 रात में चलाए जाएंगे। इनके रूट पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। हालाकि  समय जरूर बांटा है।आधे ई-रिक्शे 12 घंटे दिन में व आधे 12 घंटे रात में चलेंगे।
 हालांकि सभी को हिदायत जरूर दी गई है कि अगर  नियम तोड़ते दिखाई दिए तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। जिन ई रिक्शों को लाल कोड जारी किया गया है वह दिन में ही चलेंगे  अगर वह रात में सड़क पर चलते दिखाई दिए तो उन पर चालानी कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिन ई रिक्शों को रात का पीला कोड जारी किया गया है वह रात में ही चलेंगे।अगर रात वाले दिन में चलते दिखाई दिए तो उनके खिलाफ  चालानी कार्रवाई की जाएगी। यातायात टीआई परिहार ने कहा कि इस व्यवस्था से शहर का आवागमन भी बाधित नहीं होगा और महाकाल की तरफ जाने वाले  रास्तों पर जाम भी नहीं लगेगा। तथा  ई-रिक्शा की संख्या भी ज्यादा नहीं दिखेगी। दो शिफ्ट में चलेंगे तो सड़कों पर वाहनों का दबाव भी नहीं रहेगा। और शहर की यातायात व्यवस्था सुधरेगी।