तहसीलदार ने अंतरिम आदेश किया, राहत का रास्ता नहीं खुला
-6 माह पहले आदेश दिया ,दल गठित किया लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ
उज्जैन।6 माह पहले उज्जैन नगर तहसीलदार ने मार्ग के एक प्रकरण में अंतरिम आदेश दिया और उस पर दल गठित करते हुए कार्रवाई का आदेश दिया लेकिन यह आदेश मात्र कागजी ही साबित हुआ है। कृषक को आज तक मार्ग नहीं मिला है । इसे लेकर कृषक न्याय के लिए सभी राजस्व अधिकारियों के समक्ष पहुंचा लेकिन उसे कहीं से भी न्याय नहीं मिला है।
मामला इस प्रकार सामने आ रहा है कि उज्जैन नगर के मौजमखेडी की चक भीतरी स्थित सर्वे नं. किता 03 रकबा 1.343 है एवं सर्वे नं.52/2 रकबा 1.345 हेक्टेयर जमीन पर आने जाने वाले परंपरागत मार्ग को अवरूद्ध् कर लिया गया। इस पर कृषक ने तहसीलदार नगर उज्जैन के समक्ष प्रकरण क्रमांक 02/अ-13/22-23 लगाया था। प्रकरण में तहसीलदार ने 5 दिसंबर 2023 को अंतरिम आदेश दिया गया। इसमें पटवारी को आदेशित किया गया कि रिपोर्ट एवं पंचनामा प्रस्तुत कर मौके पर रास्ता खुलवाया जाए।
दल गठित किया,जो कागजों में सिमटा-
तहसीलदार ने अपने आदेश में रास्ता खुलवाने की कार्यवाही के दौरान विवाद की स्थिति को देखते हुए विधिवत दल गठन के आदेश दिए जिसमें पुलिस बल की सहायता खुलवाने के लिए दल गठित किया गया। दल में राजस्व निरीक्षक कमल मेहरा , पटवारी आशीष योगी,महेश देपन, राजेशसिंह को शामिल किया गया। साथ ही आदेशित किया गया कि दल मौके पर रास्ता खुलवाया जाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
6 माह में न दल पहुंचा न रास्ता मिला-
आदेश को निकले 6 माह से अधिक का समय होने के उपरांत भी न तो दल मौके पर पहुंचा न ही कृषक को अंतरिम आदेश का ही कोई लाभ मिल सका है। हाल यह हैं कि कृषक फूटबाल बना हुआ है और अधिकारियों के समक्ष अपनी गुहार लगा कर थक चुका है। अब बारिश शुरू हो जाने की स्थिति में राजस्व अमला इस काम को यह कह कर अंजाम नहीं देगा कि वर्षा काल में नियमों की बाध्यता है। ऐसे में कृषक की बोवनी और फसल के तमाम कार्य बाधित हो जाएंगे।
सीमांकन सप्ताह अंतर्गत प्रगति संतोषजनक नहीं –
इधर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीमांकन सप्ताह की तहसीलवार समीक्षा कर प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमांकन सप्ताह अंतर्गत प्रगति संतोषजनक नहीं हैं। सभी तहसीलदार अपने यहां सीमांकन के शेष लंबित प्रकरणों का भी निराकरण सुनिश्चित कराएं। संबंधित एसडीएम इसकी मॉनिटरिंग करें। उन्होंने तहसील खाचरोद और झारडा को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। स्वामित्व योजना के प्रकरणों की भी कलेक्टर ने विस्तार से समीक्षा कर ग्राउंड ट्रूथिंग और आरओआर एंट्री के प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही योजनान्तर्गत अंतिम प्रकाशन की फाइल भू अभिलेख कार्यालय प्रेषित की जाएं। बैठक में सीईओ जिला पंचायत मृणाल मीना, अपर कलेक्टर महेंद्र कवचे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें। सभी एसडीएम , तहसीलदार , जनपद सीईओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।