अधिकतर कर्मचारी नौकरी छोड़कर निगम को कह रहे अलविदा

 

अस्थाई कर्मचारियों को सालो से दिया जा रहा मात्र 8000 मासिक वेतन

इंदौर। इंदौर नगर निगम में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं जनता द्वारा दिए गए टैक्स के रुपए अधिकारी बर्बाद करने पर तुले हुए हैं। इसलिए नगर निगम का खजाना खाली हो गया है, कर्मचारियों को पगार देना भी मुश्किल हो जाता है।
इधर ड्रेनेज के कर्मचारियों को वर्षों काम करते हुए हो गए लेकिन इन्हें ना तो स्थाई किया न ही इनकी पगार बढ़ाई गई अभी इन्हें 8000 महीना मिल रहा है। कम पगार मिलने पर कर्मचारी नगर निगम की नौकरी छोड़ रहे हैं और ऐसे मॉल में जा रहे हैं या उन्हें दुगनी पगार तो मिला रही है वह भी काम का समय भी काम है।
जानकारी के मुताबिक झोन नंबर 10 से विनोद, दीपक, जितेंद्र आदि मिलाकर 7 कर्मचारी नौकरी छोड़ चुके हैं। पार्षदों को ड्रेनेज का काम करने में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना पड़ मॉल वाले दे रहे हैं दुगनी पगार, 7 छोड़ चुके हैं नौकरी
रहा है।
ड्रेनेज के कर्मचारियों को नगर निगम कई बरसों से उन्हें केवल 8 हजार रुपये महीना दे रहा है और नौकरी भी कच्ची है। काम भी आठ से दस घंटे करना पड़ रहा है।