प्रदेश में इंदौर राजस्व प्रकरणों में 54 वे स्थान पर पहुंचा

 

 

कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को गंभीरता से कार्य करने के दिए निर्देश

 

इंदौर। मुख्यमंत्री हेल्पलाइनपर दर्ज शिकायतों के निराकरण में सबसे अधिक नगर निगम पिछड़ा हुआ है। राजस्व विभाग के मामलों की निराकरण में इंदौर प्रदेश के 55 जिलों में 54 वे स्थान पर पहुंच गया है।
जिले की प्रगति देख नाराज हुए कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदार के साथ ही प्रवाचको से भी कहा कि वह अपने कार्यों में सुधार लाएं और आवेदनों का निराकरण समय सीमा में कर लोगों को संतुष्ट करने का प्रयास करें।
कलेक्टर की नाराजगी देख सभी एसडीएम और तहसीलदार बैठक के तुरंत बाद उनसे मिलने पहुंच गए उन्होंने अपनी परेशानी बताई और जल्द से जल्द आवेदनों के निराकरण करने का आश्वासन दिया। कार्रवाई करने का मन बना चुके कलेक्टर ने अपने अमले की बात सुनकर उन्हें कुछ समय दिया और कार्रवाई न करते हुए सभी एसडीएम को नोटिस जारी कर दिया है।
एक भी शिकायत नहीं होने से अतिरिक्त तहसीलदार मल्हारगंज पहुंचे ए ग्रेड पर हेल्पलाइन में अतिरिक्त तहसीलदार मल्हारगंज के क्षेत्र में एक भी शिकायत दर्ज नहीं होने के कारण उनके निराकरण का प्रतिशत 81 से अधिक पहुंच गया जिसके कारण वह ए ग्रेड में नजर आ रहे हैं।
जबकि एक शिकायत दर्ज होने पर नायब तहसीलदार मल्हारगंज डी श्रेणी में नजर आ रहे हैं उनका निराकरण का प्रतिशत लगभग 21 प्रतिशत रहा है।
निगम और पुलिस की शिकायतों का आंकड़ा सबसे अधिक हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के आवेदन की संख्या में नगरी प्रशासन विभाग सबसे ऊपर है दूसरे नंबर पर पुलिस विभाग नजर आ रहा है। जिले को मिली 20502 शिकायतों में निगम, पुलिस, राजस्व विभाग के बाद महिला एवं बाल विकास, आदिम जाति कल्याण विभाग, लोक स्वस्थ एवं परिवार कल्याण तथा ऊर्जा विभाग के सबसे अधिक आवेदन है।
इसी तरह पिछड़ा वर्ग कल्याण,श्रम विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के शिकायती आवेदनों की संख्या भी सर्वाधिक शिकायत वाले मुख्य 10 विभागों की सूची में शामिल है।