पुरातत्व विभाग एवं प्रशासन की लापरवाही से इस बार भी नहीं हुई मन्दिर की मरम्मत
रुनिजा।क्षेत्र का ऐतिहासिक व पौराणिक चमत्कारी महिषासुर मर्दनि माता चामुंडा का मंदिर इस बार भी पुरातत्व विभाग एवं शासन प्रशासन की लापरवाही से मरम्मत से वंचित रह गया है। प्री मानसून की पहली बारिश में ही पुर मंदिर छत जगह जगह टपक ने लगी तथा इस बार छत काफी जजर्र हो गई है।
मंदिर की टपकती छत में ही मंदिर के पुजारी एवं आने वाले भक्त पूजा अर्चना व दर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं। बता दे कि विगत दो-तीन साल से इस मंदिर के जीर्णोद्वार को लेकर पुरातत्व विभाग व शासन प्रशासन से क्षेत्र के माता-भक्त , मन्दिर विकास समिति और मीडिया के माध्यम से किए जा रही थी। लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने में कोई भी रुचि नहीं दिखा रहा है। जबकि यह मंदिर प्रदेश के वर्तमान मुखिया मोहन यादव के भी आस्था का केंद्र अभी मुख्यमंत्री बनने के कुछ समय बाद ही मुख्यमंत्री मोहन यादव इस मंदिर पर माता रानी के दर्शन व पूजा अर्चना करने आये थे।तब हमारे प्रतिनिधि द्वारा उन्हें मंदिर की टपकती छत और जर्जर अवस्था के बारे में अवगत कराया था लेकिन उन्होंने भी अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
मीडिया, मन्दिर विकास समिति की लगातार पहल पर पुरातत्व विभाग इंदौर के द्वारा 50 लाख से अधिक के कार्य योजना बनाकर कार्य करने की बात कही थी। लेकिन भोपाल से स्वीकृति नहीं मिलने से वह कार्य योजना ठंडे बस्ते में चली गई ।उसके बाद भोपाल के पुरातत्व अधिकारियों ने बताया कि सिंहस्थ मद से इस मंदिर कस जीर्णोद्वार व विकास कार्य कराया जाएगा। सिंहस्थ 2028 में आएगा तब तक तो जिस तरह मन्दिर की छत टपक रही। वह छत कभी भी गिर सकती है। पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते यह ऐतिहासिक धरोहर नष्ट होने के कगार पर पहुच चुकी है।