अक्टूबर बाद कॉलेज में एडमिशन कैंसिल करवाने पर वापस नहीं होगी फीस

 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कॉलेजों में एडमिशन को लेकर जारी की गाइडलाइन

इंदौर। वर्ष 2024-25 सत्र को लेकर शैक्षणिक संस्थानों में स्नातक-स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इस बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फीस लौटाने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए है, जिसमें 30 सितंबर तक छात्राओं का प्रवेश निरस्त होने पर पूरी फीस लौटाई जाएगी।
महज एक हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस देना होगा। मगर 31 अक्टूबर बाद प्रवेश नहीं लेने पर विद्यार्थियों को फीस नहीं लौटाई जाएगी। इस संबंध में यूजीसी ने कुछ गाइडलाइन बनाई है। मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों को निर्देश दिए है और 30 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच प्रवेश निरस्त प्रक्रिया पूरी करना है।

साल बचाने के लिए किसी भी कॉलेज में ले लेते हैं एडमिशन

गौरतलब है कि जून से लेकर सितंबर के बीच देशभर में प्रवेश प्रक्रिया चलती है। कई बार काउंसिलिंग समय पर नहीं होने की वजह विद्यार्थी साल बचाने के लिए किसी भी संस्थान व पाठ्यक्रम में दाखिला लेते है। मगर बाद में पसंदीदा पाठ्यक्रम व संस्थान मिलने पर छात्र-छात्राएं पूर्व में प्रवेश ले चुके संस्थान को छोड़ना चाहते है, लेकिन फीस भरने के चलते वह ऐसा नहीं कर पाते है।
इस समस्या से निपटने के लिए यूजीसी ने फीस रिफंड को लेकर गाइडलाइन बनाई है। ताकि विद्यार्थी आसानी से प्रवेश निरस्त करवा सकें। 30 सितंबर तक प्रवेश निरस्त करने पर पूरी फीस संस्थान को देना है। जबकि 30 सितंबर के बाद प्रवेश निरस्त करने पर कुछ प्रतिशत की राशि काटी जाएगी।

22 से 29 अक्टूबर तक 50 फीसद फीस

30 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच प्रवेश निरस्त करवाने पर 90 फीसद, 15 से 22 अक्टूबर के बीच सूचना देने पर 80 फीसद और 22 से 29 अक्टूबर तक 50 फीसद तक फीस की राशि काटी जाएगी। 31 अक्टूबर के बाद प्रवेश नहीं लेने पर फीस देने का विचार संस्थान अपने स्तर पर कर सकता है।

कॉलेजों पर लगाम करने का प्रयास

शिक्षाविद् डा. जगन्नाथ तिवारी का कहना है कि कई बार विद्यार्थी समय पर जानकारी नहीं देते है। इसके चलते कालेज अपनी मनमानी करते है। यूजीसी ने संस्थानों पर लगाम कसने का प्रयास किया है।