कलेक्टर नाराज होकर बोले- इतनी शिकायतों से मंदिर बदनाम हो रहा

 

महाकाल मंदिर की निजी सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल को हटाने की तैयारी चल रही

 

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

महाकाल मंदिर की निजी सुरक्षा कंपनी क्रिस्टल को बदलने की तैयारी चल रही है। दरअसल कंपनी के अंतर्गत मंदिर में तैनात सुरक्षा गार्ड बहुत दिनों से गड़बड़ी कर रहे हैं। जिनकी लगातार श्रद्धालुओं से दर्शन के नाम पर रुपए वसूली की शिकायतें मिल रही है। मंदिर प्रबंध समिति इसे लेकर कंपनी को नोटिस भी जारी कर चुकी है लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। 

मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कंपनी को लेकर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि इसे बदला जा सकता है। क्योंकि मंदिर की बदनामी हो रही है। वर्तमान में मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था समिति ने क्रिस्टल कंपनी को सौप रखी है। लेकिन कंपनी की शिकायतें बहुत हो चुकी है। इससे परेशान समिति ने अब इसे ब्लैक लिस्टेड कर मंदिर से हटाने की तैयारी कर ली है। 

आए दिन ही गार्ड श्रद्धालु से लड़ रहे

महिलाओं को छेड़ रहे, पैसे मांग रहे 

आए दिन कंपनी के गार्ड श्रद्धालुओं से मंदिर में विवाद कर रहे हैं और दर्शन के नाम पर अवैध वसूली अलग की जा रही है। इस पर कलेक्टर सिंह ने सख्त नाराजगी जताई है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि पूर्व में कंपनी को सुधरने के लिए कई बार मौका दिया जा चुका है। समिति ने नोटिस जारी किए। वहीं जुर्माना भी लगाया लेकिन इसमें अब तक कोई सुधार नहीं हो पाया है। इसको ध्यान में रखते हुए अब वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में किसी अन्य कंपनी को मंदिर में सुरक्षा का ठेका देने पर विचार चल रहा है।  

महाराष्ट्र की इस कंपनी को 1 साल 

पहले 20 करोड़ में दिया था ठेका

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने महाराष्ट्र की इस क्रिस्टल कम्पनी को 1 साल पहले 20 करोड़ रुपए में 2 वर्ष के लिए मंदिर परिसर से लेकर महाकाल लोक की सुरक्षा के लिए ठेका दिया था। कम्पनी ने शुरुआत में 400 कर्मचारी के साथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की काम संभाली थी। शुरुआत में तो कंपनी ने अच्छा कार्य किया लेकिन जैसे-जैसे दिन निकलते गए कंपनी की शिकायतें आना शुरू हो गई। और अब तो हद ही हो गई। कंपनी के गार्ड खुलेआम श्रद्धालुओं से मंदिर में मारपीट करते, विवाद करते, महिलाओं एवं युवतियों से छेड़छाड़ करते और दर्शन के नाम पर पैसे वसूलते नजर आने लगे। खुद श्रद्धालुओं ने हर बार इनकी शिकायतें की। कई बार मामले महाकाल थाना पुलिस तक भी पहुंचे। लगातार हो रही घटनाओं से मंदिर समिति की अब बदनामी हो रही है। इसके चलते अब समिति ने इस कंपनी को मंदिर से हटाने का ही मन बना लिया है।