मानो इंद्र देवता ने दे दी हो बिजली विभाग को चेतावनी…. अभी तो झमाझम बारिश हो नहीं रही है फिर भी जरा से में बत्ती गुल…..
सड़कों पर भी बनने लगी जल जमाव की स्थिति
उज्जैन। अभी तो झमाझम बारिश का सिलसिला पूरी तरह से शुरू हुआ नहीं है और उज्जैन शहर में जरा से पानी और हवा में बत्ती गुल होने लगी है। नागरिकों का यह कहना है कि यदि अभी से यह हाल है तो उस वक्त बिजली की व्यवस्था का क्या होगा जब मूसलाधार बारिश होगी। कुल मिलाकर प्री मानसून में ही मानों इंद्र देवता ने बिजली विभाग के साथ ही नगर निगम को भी चेतावनी दे दी है कि अभी से संभल जाओ…वरना…जनता पता नहीं क्या हाल करेगी..! बता दें कि बारिश पूर्व मेंटेनेंस के नाम पर बिजली की कटौती की गई है वहीं नगर निगम ने भी जलजमाव की स्थिति को दूर करने के लिए नालों की सफाई का दावा किया है लेकिन आधे एक घंटे की बारिश में ही शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति बनने लगी है। तो फिर सवाल यह उठता है कि जब मूसलधार पानी गिरेगा तो न केवल बत्ती के कोई ठिकाने नहीं रहेंगे वहीं रास्ते से आने जाने वाले लोगों को घुटने-घुटने पानी का ही सामना करना पड़ेगा। कुल मिलाकर सड़कों पर छोटे तालाब की स्थिति निर्मित होना ही है।
बारिश में जिस तरह के हाल सड़कों पर देखने को मिलते हैं, उससे आप भी अछूते नहीं हैं। कुछ घंटों की बारिश सड़कों को तालाब बना देती है। वहीं दूसरी ओर जरा सा पानी और हवा चली कि नहीं और बिजली गुल हो जाती है। ऐसे में विद्युत विभाग का काम भी बढ़ जाता है। खंभों पर लगी हुई लाइट तेज हवा में बारिश को देख आंखें मूंद लेती हैं। शहर अंधेरे के आगोश में चला जाता है। बिजली विभाग के जोन अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। सिर्फ प्री-मानसून में यह हाल हैं तो आने वाली बारिश में शहर का क्या हाल होने वाला है, आप समझ सकते हैं। दूसरी ओर एमपीईबी पूरे साल मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जब जनता को जरूरत होती है, तो अधिकारी अपना पसीना पोंछते या फिर हाथ वाले पंखे के भरोसे बैठ जाते हैं। शहर को रोजाना हजारों वाॅट रोशनी देने वाला विद्युत मंडल भी कुछ कम नहीं है। हर मौसम में यह भी लाखों-करोड़ों रुपए मेंटेनेंस के नाम पर खर्चा करने में पीछे नहीं रहता है।