रात में हुई बारिश के बाद गंभीर डेम में आया 12 एमसीएफटी पानी, निचली बस्तियों और उद्योगपुरी में जलभराव, निकासी के लिए पहुंची निगम टीमे

उज्जैन। मानसून की दस्तक के बाद बीती रात पहली बार शहर में तेज बारिश का नजारा दिखाई दिया। आज सुबह अच्छी खबर यह आई की जल स्रोत के सबसे बड़े संसाधन गंभीर डेम में पानी की आवाज शुरू हुई है। आगामी दिनों में होने वाली बारिश के चलते जल संकट का मंडराता खतरा पूरी तरह से दूर हो जाएगा।

20 जून को मानसून ने प्रदेश में दस्तक दे दी थी। धार्मिक नगरी में रिमझिम बारिश का सिलसिला बना हुआ था। हर कोई तेज बारिश का इंतजार कर रहा था जो गुरुवार देर शाम दिखाई दिया। शाम 6 बजे बाद शुरू हुई बारिश ने 2 घंटे बाद तेज रफ्तार पकड़ ली थी। सड़के जलमग्न दिखाई दे रही थी नालों में उफान आ चुका था। निचली बस्तियों में लोग घरों में भरते दिखाई दे रहे पानी को निकालने की मशक्कत में जुट गए थे। तेरे रात तक रुक रुक कर बारिश का सिलसिला चलता रहा। आज सुबह खबर सामने आई थी रात में हुई बारिश के बाद गंभीर डेम में भी पानी की आवक हुई है। डेम प्रभारी अशोक शुक्ला ने बताया कि 12 से 15 एमसीएफटी पानी का लेवल बड़ा है। मई माह और जून के दो सप्ताह में भीषण गर्मी के चलते जमीन का जलस्तर कम हुआ था और और सुख नजर आ रहा था उसके चलते डेम में एकत्रित पानी का लेवल भी काफी कम हो गया था। मानसून दस्तक दे चुका है बारिश हो रही है सूखी जमीन अब पानी से लगभग पूरी तरह से गीली हो चुकी है। आगामी दिनों में होने वाली बारिश से गंभीर में पानी की तेज आवक शुरू हो सकती है। जून माह के प्रथम सप्ताह बाद डेम में डेड स्टोरेज पानी ही संग्रहित नजर आ रहा था। लेकिन अब बारिश होने और पानी की आवक होने से दिखाई दे रहा जल संकट जल्द खत्म हो जाएगा।

 

पिछले वर्ष क्षमता से अधिक छोड़ा था पानी
गंभीर डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। जिसके माध्यम से पूरे वर्ष शहर में जलप्रदाय किया जाता है। हर वर्ष मई में गंभीर का पानी खत्म हो जाता है। पिछले वर्ष अगस्त सितंबर तक बारिश का सिलसिला बना हुआ था और डेम में तेजी के साथ पानी की आवक हुई थी। क्षमता अधिक पानी पहुंचा था जिसको देखते हुए डेम को बचाए रखने के लिए गेट खोलकर 3 गुना पानी छोड़ गया था। उक्त पानी को संग्रहित किया जाता तो विस्तार लेते शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय किया जा सकता था। वर्तमान में जल प्रदाय की स्थिति एक दिन उत्तर और दूसरे दिन दक्षिण की बनी हुई है। नगर निगम ने जन सहयोग से इस बार भी गंभीर का गहरीकरण करते हुए सैकड़ो ट्रैक्टर ट्राली गाद निकली है।

 

स्थिति से निपटने के लिए थी तैयारी
मानसून की दस्तक से पहले ही जिला प्रशासन, नगर निगम जल भराव की स्थिति से निपटने की तैयारी कर चुका था। रात में हुई बारिश के बाद निचली बस्तियों से जल भराव की खबर सामने आते ही नगर निगम की टीम रवाना होने लगी थी। वार्ड क्रमांक 28 से लगने वाली निचली बस्ती और उद्योगपुरी में पानी भरने की खबर सामने आते ही क्षेत्रीय पार्षद रवि राय निगम टीम के साथ पहुंच गए थे। देर रात तक जेसीबी और संसाधनों से पानी की निकासी का काम किया गया। हनुमान नाका, लाल मस्जिद चौराहा, ढाबा रोड सहित अन्य मार्गो पर जल भराव की स्थिति दिखाई दी लेकिन जल्द ही नगर निगम की टीमों ने समस्या को दूर कर लिया।

 

36 मिलीमीटर दर्ज की गई बारिश
गुरुवार शाम 6 शुरू हुई बारिश रात 2 तक रुक रुक कर होती रही। आज सुबह जीवाजीराव वेधशाला पर 36 मिलीमीटर बारिश का आंकड़ा दर्ज किया गया है। जो सवा इंच के लगभग अधिक होना सामने आई है। मानसून की दस्तक के बाद 4 इंच के लगभग बारिश हो चुकी है। वेधशाला अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार गुप्त के अनुसार शहर की औसतन बारिश का आंकड़ा 36 इंच है। पिछले वर्ष 40 इंच से अधिक बारिश दर्ज हुई थी। मौसम विभाग ने दो दिन का अलर्ट जारी किया है। आज शाम को भी तेज बारिश हो सकती है।