अधिकांश रकबे में बुआई का कार्य हुआ पूर्ण
शुजालपुर। क्षेत्र में प्री-मानसून की गतिविधि एक सप्ताह से चल रही है और धमाकेदार मानसून की आमद का अभी इंतजार है। प्री-मानसून की बारिश के बाद ही क्षेत्र में किसानों ने खरीफ फसल की बुआई का कार्य कर दिया और लगभग अधिकांश रकबे में बुआई हो चुकी है। इस वर्ष शुरू हुई प्री-मानसून की गतिविधि के बाद शुजालपुर तहसील क्षेत्र में लगभग 4 इंच तथा कालापीपल क्षेत्र में 6 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है। खरीफ फसल के रूप में सोयाबीन के अलावा अरहर,मक्का,मुंग,उड़द की बुआई भी की जा रही है। कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष खरीफ फसल बुआई का रकबा बढ़ेगा। गत वर्ष लगभग 62 हजार हैक्टेयर में खरीफ फसल की बुआई हुई थी। इस वर्ष कृषि विभाग अनुमानित लक्ष्य लगभग 62 हजार 140 हेक्टेयर मान रहा है। अनुमानित लक्ष्य में से लगभग 80 प्रतिशत रकबे में शुजालपुर ब्लॉक में बुआई हो चुकी है। कई किसानों द्वारा खरीफ फसल की बुआई लगभग एक सप्ताह पूर्व कर दी थी वे बीज भी अंकुरित हो कर पौधे का रूप ले चुके है।
ज्वार से हुआ श्री गणेश
क्षेत्र में परम्परागत रूप से खरीफ फसल की बुआई का श्री गणेश अधिकांश किसान ज्वार की बोवनी से करते है। यहा परम्परा अभी भी चली आ रही है। ज्वार की पेदावार तो कम ली जाती है लेकिन इसे मवेशियों के लिए चरी के रूप में अधिक बोया जाता है।
सोसायटियों से नहीं ले रहे बीज
शासन की योजना तहत जो अनुदान का बीज कृषि विभाग तथा सोसायटियों से सोयाबीन बीज किसानों को दिया जा रहा है उसके दाम में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष इजाफा हो गया। बाजार में अच्छी क्वीलिटी का सोयाबीन बीज 5 से 6 हजार रुपए के लगभग मिल रहा है। जबकि सोसायटी व कृषि विभाग द्वारा किसानों को 7550 रुपए प्रति क्वींटल के मान से बीज प्रदाय किया जा रहा है। इस बीज पर एक हजार रुपए प्रति क्वींटल का अनुदान है। लेकिन यह बीज की गुणवत्ता उतनी उत्कृष्टद्द नहीं है। जितनी की बाजार से मिल रही है। सोयायटी में आरबीएस 18 व 24 किस्म का बीज उपलब्ध है, जो कि मध्यम अवधि का है, जब की इस बार किसान लम्बी अवधि में आने वाली सोयाबीन फसल की बुआई कर रहा है। क्षेत्र में 1133 किस्म की बुआई अधिक हुई है।