आकाश में बिजली कडके तो ऊंची नुकीली संरचनाओं एवं पेड़ों से दूरी बनाएं

आकाशीय बिजली से बचाव को लेकर सीएमएचओ ने दिए सुझाव

 

उज्जैन। मानसून के दौरान आकाश में बिजली चमकना प्राकृतिक घटना है। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने से जन हानि के मामले भी बराबर सामने आते हैं। आकाशीय बिजली से बचाव को लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. अशोक पटेल ने जिले के आमजन को सुझाव दिए हैं। इन सुझावों को ध्यान में रखकर अमल करने पर आमजन आकाशीय बिजली प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित रह सकते हैं।

आकाशिय बिजली के समय बाहरी गतिविधियां खेतों, औद्योगिक स्थान, लोडिंग और अनलोडिग जैसे निर्माण और सामग्री हैंडलिंग वाले स्थानों पर काम करने वाले लोग सर्वाधिक संवेदनशील होते है। विशेष रूप से ऊंची नुकीली संरचनाओं /पेड़ों पर वज्रपात की अधिक संभावना होती है एवं एक ही स्थान पर कई बार वज्रपात हो सकता है। अतः आकाशीय बिजली लक्षित होने पर ऐसी संरचनाओं से दूर रहना चाहिए।

कभी भी गिर सकती है आकाशीय बिजली-

आकाशीय बिजली वर्ष के किसी भी समय गिर सकती है, परन्तु मानसून के पूर्व जून-जुलाई में आमतौर पर ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं। दोपहर और सायंकाल के मध्य आकाशीय बिजली की घटनाएं सर्वाधिक देखी गई हैं। रबर सोल के जूते अथवा टायर से बचाव नहीं हो सकता है। यह आवश्यक नहीं है कि बारिश के दौरान ही वज्रपात हो। ऐसी घटना वर्षा ऋतु में तूफान के 10 मील के दायरे तक संभावित हो सकती है। आकाशीय बिजली की घटना तूफान आने के पहले व बाद में भी घटित हो सकती हैं।

घर और कार्यस्थल पर ऐसे रहें सुरक्षित-

बिजली एवं इलेक्ट्रॉनिक के समस्त उपकरणों के संपर्क से दूरी बनाएं एवं इन्हें पावर प्लग से पृथक करें, ताकि मुख्य सप्लाई से बिजली का प्रवाह नहीं हो पाए। घरेलू अथवा कार्यालयीन समस्त विद्युत उपकरणों अथवा विद्युत आउटलेट से जुड़ी किसी भी चीज का उपयोग न करें। बिजली का प्रवाह किसी भी इलेक्ट्रिकल सिस्टम, रेडियो और टेलीविजन रिसेप्शन सिस्टम और कांक्रीट की दिवारों, फर्श में धातु के तारों के माध्यम से हो सकता है, इसलिये घर/कार्यालय में अर्थिग होना सुनिश्चित करें। खुले हुए खिड़की दरवाजे अथवा धातु के पाईप इत्यादि के पास खड़े न रहें। खिड़कियां, दरवाजों, बरामदों और कंकीट से बचें। पानी के धातु के पाईप से बिजली प्रवाहित हो सकती है। अतः यदि आपके क्षेत्र में बिजली गिरने की संभावना हो तो,  पाईप लाइन से दूर रहें।

घर से बाहर ऐसे रहें सुरक्षित-

 

बिजली के प्रवाह करने वाली सामग्री से दूर रहें यथा- धातु का मचान, धातु के उपकरण, पानी के पाईप या प्लबिंग सहित बिजली का संचालन करने वाली सामग्री अथवा सतहों के संपर्क से बचें। ऊंची अधोसंरचनाएं, पहाड़ी, टेकरी, बिजली के खंबे, टेलीफोन के खंबे, ऊंचा पेड़, छत, मचान, धातु की सीढी, बड़े मशीन जैसे- बुलडोजर, क्रेन और ट्रेक्टर जैसे वाहनों से दूर रहें। विस्फोट संभावित क्षेत्रों तथा उद्योग स्थलों से तत्काल सुरक्षित स्थल की ओर प्रस्थान करें। धातु युक्त वाहनों से विद्युत का प्रवाह संभावित होने के कारण यथाशीघ्र साईकिल, दोपहिया वाहन अथवा अन्य वाहनों से तुरंत उतरकर किसी सुरक्षित स्थान की ओर जाएं। यदि व्यक्ति सड़क पर है तो उसे तत्काल किसी भवन के अदर संरक्षण लेना चाहिए। आकाशीय बिजली / वज्रपात के गर्जन सुनाई देने के पश्चात् न्यूनतम 30 मिनट तक सुरक्षित स्थान पर बने रहें।

 

तराना में 24 घंटे में 2 इंच से अधिक बारिश-

 

पिछले चौबीस घंटे के दौरान 28 जून की प्रात: तक जिले की तराना तहसील में सर्वाधिक 56 मिमी वर्षा हुई है। अभी तक जिले में इस मानसून सत्र के प्रारम्भ में अब तक औसत 91.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। पिछले चौबीस घंटे के दौरान जिले की उज्जैन तहसील में 35 मिमी, घट्टिया में 40.6, खाचरौद में 8, नागदा में 18.2, बड़नगर में 7, महिदपुर में 22, झारड़ा में 10 और माकड़ोन तहसील में 23 मिमी वर्षा हुई है। इस प्रकार पिछले चौबीस घंटे के दौरान जिले में औसत 24.5 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है।