प्रतिबंध के बावजूद इंदौर में बोरिंग अनुमति चलती मशीन पर एफआईआर के थे आदेश
इंदौर। शहर में गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए कलेक्टर अशेष सिंहने 18 मार्च से 30 जून तक बोरिंग पर प्रतिबंध लगाया है। बावजूद इसके बोरिंग अनुमति जारी हो गई है। इतना ही नहीं दिनदहाड़े बोरिंग भी हो रहे है।
निपानिया में हो रहे बोरिंग की शिकायत एडीएम तक पहुंची थी। जिसके बाद बोरिंग को बंद कराया गया था। कलेक्टर के आदेश में मशीन चालक के खिलाफ एफआईआर के भी आदेश थे।
कलेक्टर आशीष सिंह ने पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल
अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया था। आदेश में कहा गया, राजस्व, पुलिस एवं नगर निगम के अधिकारियों को बोरिंग पर कार्रवाई के अधिकार रहेंगे। अति जरूरी होने पर अपर कलेक्टरों को उनके क्षेत्रांतर्गत अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों के लिए उचित जांच कर अनुमति देने के लिए अधिकृत किया था। लेकिन शहर के लसुड़िया में प्राइवेट बोरिंग की अनुमति धड़ल्ले से दी जा रही है।
दैनिक अवंतिका के पास ऐसी कई अनुमति मौजूद है, जिसमें प्राइवेट बोरिंग को बकायदा अपर कलेक्टर के हस्ताक्षर से अनुमति दी गई है। नेपानिया में हो रहे बोरिंग की शिकायत मय फोटो के सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी।
जिस पर तत्काल जिला प्रशासन ने रोक लगाई थी। लेकिन बोरिंग करने वालों पर एफआईआर नहीं हुई। ऐसे में सवाल यह है की आखिर भू- जल स्तर गिरने के बावजूद किसके इशारे पर अनुमति जारी की गई।
बोरिंग एजेंट का दावा 100 अनुमति जारी हुई —
शहर में बोरिंग करने वाले एक एजेंट ने दावा किया है की मोटी फीस वसूली कर अनुमति दी जा रही है। लसुड़िया क्षेत्र में करीब 100 अनुमति जारी हुई है। इसके लिए लोगों ने थाने पर बोरिंग कराने के लिए अनुमति आवेदन तक दिया है।