नगर निगम के संपत्ति कर विभाग में छत का पंखा महिला कर्मचारी पर गिरा,चोंट लगी-जर्जर हालत में है छत,कुछ घंटे पहले महापौर टटवाल ने निरीक्षण कर छत की मरम्मत कराने के दिए थे इंजीनियरों को निर्देश
दैनिक अवंतिका उज्जैन।शुक्रवार शाम उज्जैन नगर निगम के संपत्ति कर विभाग के कक्ष में लगा पंखा अचानक चलते-चलते वहीं ड्यूटी दे रही एक महिला कर्मचारी के उपर गिर गया। गनीमत यह रही की महिला कर्मचारी को इस घटना में ज्यादा चोंट नहीं लगी। कर्मचारी को पीठ पर मामूली चोट लगी है। लेकिन जैसे ही महिला कर्मचारी पर पंखा गिरा और गिरने की आवाज सुन विभाग में अफरातफरी का माहौल निर्मित हो गया। बताया जाता है कि जिस समय यह पंखा गिरने की घटना हुई उसके कुछ घंटे पहले ही महापौर मुकेश टटवाल ने संपत्ति कर विभाग का निरीक्षण कर यहां की जर्जर छत की मरम्मत कराने के नगर निगम के इंजीनियरों को निर्देश दिए थे और उसके कुछ देर बाद यह घटना हो गई। इसके पहले भी कई बार छत का प्लास्टर उखड़ चुका है पिछले कई समय से नगर निगम के संपत्ति कर विभाग के कक्ष की छत जर्जर अवस्था में है। जिसकी मरम्मत के लिए विभाग के कर्मचारी कई बार बोल चुके हैं। वही शुक्रवार सुबह जब महापौर मुकेश टटवाल संपत्ति कर विभाग का ओचक निरीक्षण करने पहुंचे तो महापौर ने भी इंजीनियरों को छत की मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। घटना शुक्रवार शाम नगर निगम स्थित संपत्ति कर मुख्यालय के कक्ष में उस समय हुई जब रोज की तरह विभाग में मौजूद सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी दे रहे थे। इसी दौरान संपत्ति कर विभाग के कक्ष में लगा पंखा अचानक वही ड्यूटी दे रही कर्मचारी उषा जोशी उम्र 58 वर्ष निवासी कार्तिक चौक पर गिर गया। छत पंखा महिला कर्मचारी की पीठ पर गिरा। हालांकि इस घटना में महिला कर्मचारी उषा जोशी को ज्यादा चोट नहीं आई है। मामूली पीठ पर चोंट लगी है। लेकिन जैसे ही उन पर पंखा गिरा तो वह घबरा गई और कुछ गिरने की आवाज सुन वहां मौजूद कर्मचारी एकत्रित हो गए तथा घटना के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को भी जानकारी दी गई है बताया जाता है कि पिछले कई समय से विभाग की छत जर्जर है जिसकी मरम्मत के लिए कर्मचारियों ने कई बार अधिकारियों को सूचित कर दिया लेकिन उसके बाद भी इसकी मरम्मत नहीं हो पाई और जब शुक्रवार सुबह महापौर मुकेश टटवाल ने संपत्ति कर विभाग का निरीक्षण किया तो उस दौरान भी कर्मचारियों ने महापौर से इस जर्जर छत की मरम्मत करवाने के लिए कहा था और महापौर टटवाल ने इंजीनियरों को छत की मरम्मत करने के निर्देश दिए थे।