इंदौर में घर में ही भगवान को साक्षी मान नाबालिगों ने रचाया विवाह, दो परिवारों के सात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज

 

 

इंदौर। आपस में प्यार के बाद नाबालिग किशोरी और युवा ने मिलकर भगवान के सामने शादी भी रचा ली।
किशोरी ससुराल में रहने भी लगी, लेकिन किशोरी की मां ने बेटी के भविष्य को ध्यान रखते हुए लाडो अभियान कोर ग्रुप को पूरे मामले की हकीकत बता दी।
इसके बाद ग्रुप ने जांच कर दोनों परिवारों के सात लोगों के खिलाफ तेजाजी नगर थाने में प्रकरण दर्ज कराया है।
जानकारी के अनुसार घर के पास ही रहने वाले एक युवक के प्रेम के चक्कर में पड़ी नाबालिग किशोरी के माता-पिता ने बेटी के भविष्य को देखते हुए सगाई किसी अन्य से करना तय कर लिया।
पिता के निर्णय से नाराज बेटी घर छोड़कर निकल गई। पुलिस तेजाजी नगर ने मां द्वारा की गई बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट पर उसे खोजकर माता-पिता के हवाले कर दिया।
इसके बाद बेटी की जिद को देखकर पिता ने उसके भविष्य की चिंता न करते हुए नाबालिग बेटी को बगैर विवाह किए ही युवक के साथ भेज दिया।
युवक ने 16 साल की किशोरी से से विवाह भी रचा लिया। महिला व बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया ने बताया कि नाबालिग बालिका की माता ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत कर पूरी हकीकत बताई। इसके बाद बाल विवाह विरोधी उड़नदस्ता प्रभारी लाडो अभियान कोर ग्रुप के महेंद्र पाठक को जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए।

किशोरी और युवक दोनों ही विवाह योग्य नहीं

पाठक ने बताया कि शिकायत के बाद दोनों पक्षों के परिवार से पूछताछ की। जांच में पता चला कि बालिका की कक्षा नौवीं की अंकसूची में आयु 16 वर्ष और 2 माह है। किशोरी के परिजनों ने कहा कि बेटी को लड़का ले गया है और उससे शादी करने वाला है। इसके बाद कोर ग्रुप सदस्य शैलेष शर्मा और किशोर बाल ईकाई के आरक्षक दीपक परमार के साथ युवक के घर रालामंडल पहुंचे वहां किशोरी मिल गई।
युवा की अंक सूची देखी तो उसमें आयु 18 वर्ष 10 माह सामने आई। युवा के परिजनों ने बताया कि उन्होंने दोनों बच्चों की जिद के आगे हार कर घर में ही भगवान के सामने उनका विवाह कर दिया है।
पाठक ने बताया कि नाबालिग लड़की ने अपने माता-पिता पर ससुराल पक्ष से लेनदेन करने का आरोप भी लगाया। परिजनों द्वारा दिए गए विवाह के प्रमाण स्वरूप फोटो व आयु के प्रमाण के आधार पर थाना तेजाजी नगर में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध करवाया।
इसमें युवा सहित उसके और किशोरी के माता-पिता, विवाह में शामिल होने वाले मां व लड़के के पिता के मित्र सहित सात लोगों के विरुद्ध अधिनियम की धारा 9,10 व 11 में प्राथमिकी दर्ज कराई है।