-अब मंदिर में दानदाताओं एवं प्रेरक पंडितों से भी अभद्रता
अन्नक्षेत्र में दान भी नहीं लिया और दानदाताओं,पंडित को रवाना कर दिया
उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता के मामलों में नियंत्रण की जगह अभद्रता बढ़ रही है। यहां तक की मंदिर के अन्नक्षेत्र में दान देने प्रेरक पंडित के साथ आए श्रद्धालुओं से दान भी नहीं लिया और पंडित सहित श्रद्धालुओं को अपमानित कर रवाना कर दिया। श्रद्धालू एवं पंडित का इतना सा अपराध था कि वे दान की एक ही रसीद में 5 नाम अंकित करवाना चाहते थे।
27 जून की दोपहर को मंदिर के अन्न क्षेत्र में दिल्ली निवासी 5 भक्त अपने प्रेरक पंडित महेश शर्मा के साथ पहुंचे थे । इन्होंने वहां 1100रूपए दान देने की पेशकश करते हुए पांचों श्रद्धालू के नाम से एक ही रसीद बनाने का मौजूद मंदिर कर्मचारी के समक्ष गुहार रखी थी। इस पर मौजूद जिम्मेदार कर्मचारी ने तुनक मिजाजी के साथ श्रद्धालुओं और पंडित जी को जवाब दिया कि यह संभव नहीं है। कारण पूछने पर कर्मचारी साहब बन बैठा और उसने सीधे कह दिया की तुमसे जो बने कर लो, रसीद नहीं बन सकती है।
श्रद्धालुओं के निवेदन करने पर भी वे नहीं माने और हठधर्मिता के साथ उनका कहना था कि एक रसीद में पांच दान दाताओं के नाम से रसीद नहीं बनेगी। पंडित महेश शर्मा का कहना है कि कर्मचारी से उसका नाम पूछने पर वह और भडक गए और उटपटांग शब्दों का उपयोग करते हुए बोले की तुमसे जो बने कर लेना औकात हो तो मुझे हटवा देना। इस पर उनका फोटो मोबाईल से लिया गया। पंडित जी का कहना था कि आगंतुक श्रद्धालुओं को दान –धर्म की प्रेरणा देने पर वे दान के लिए अग्रसर होते हैं ऐसे में अन्न दान का पहला विकल्प होता है। इसमें भी अगर रसीद को लेकर कर्मचारी श्रद्धालुओं एवं पंडितों से अभद्रता करेंगे तो उनके व्यवहार से मंदिर की प्रतिष्ठा पर प्रश्न अंकित होना वाजिब है। इस मामले में मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीणा का कहना था कि 5 नाम से रसीद बनाने में कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए थी। अगर इसके साथ अभद्रता हुई है तो वे मामले की जानकारी लेकर संबंधित कर्मचारी को सूचना पत्र देकर जवाब लेकर कार्रवाई करेंगे।