कैंसर अस्पताल में 6 माह से बंद है काम

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बजट की कमी ने व्यवस्थाओं पर लगाया प्रश्न चिन्ह

बारिश का दौर हुआ शुरू , खराब हो जाएगी कई चीजे

इंदौर । शासकीय कैंसर अस्पताल के तलघर में जलजमाव 20 सालों से नासूर बना हुआ है। जलजमाव की समस्या से निपटने का काम इंदौर विकास प्राधिकरण को दिया था।
बजट के अभाव में पिछले पूर्ण छह माह से काम बंद पड़ा हुआ की है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन से इसके लिए 85 लाख रुपए डॉ. स्वीकृत भी हुए है।

लगभग 85 लाख रुपए में कायाकल्प —

एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार तत्कालीन संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा के निर्देश और डॉ. मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुरोध पर आईडीए ने बेसमेंट डर से पानी निकालने, इसे हॉस्पिटल और के लिए उपयोगी बनाने के लिए के 85 लाख रुपए की कार्ययोजना बनाई थी, जिसमें 18 प्रतिशत म जीएसटी भी शामिल था।
वर्कऑर्डर के अनुसार लगभग 3 माह पहले इस योजना पर काम टर शुरू कर दिया। यह काम लगभग 3 माह पूरा कर मार्च-2024 को तक खत्म होने के पहले पूरा का करना था।
बजट के अभाव के चलते आईडीए एजेंसी ने बीच में ही काम बंद कर दिया है। एजेंसी को समय पर राशि नहीं मिलने के कारण आधा काम बीच में बंद कर दिया है। फिलहाल आईडीए की टीम ने बेसमेंट में जहां से पानी आ रहा है, वहां लगभग 3 फीट गहरा टैंक तैयार किया है, जिसमें पानी खींचने की पम्पिंग मोटर लगाई

सिस्टम में कैंसर…

जल जमाव की समस्या से निपटने आईडीए को दिया था काम

यह है प्लानिंग

कैंसर हॉस्पिटल अधीक्षक रमेश आर्य ने बताया कि बेसमेंट मतलब तलघर में पानी भरने के बाद हम सालों से कई समस्याओं का सामना करते आ रहे हैं। अब 20 साल बाद समाधान होने से निःसंदेह बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि हम इस 6000 वर्गफीट जगह में कैंसर के मरीजों के लिए न्यू ओपीडी, मरीजों के लिए वेटिंग हॉल, काउंसलिंग के लिए अलग- अलग कन्सल्टेंट रूम, मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स डॉक्टर्स के लिए रूम के अलावा मरीजों के रजिस्ट्रेशन का काउंटर बनाया जाएगा।

तलघर में पानी के साथ गंदगी पसरी रहती है। सेंसर टेक्नोलॉजी के चलते यह पम्पिंग मोटर टैंक भरते ही अपने आप चालू होकर पानी को बाहर निकालना शुरू कर देगी। इसके बाद यह पानी डाली गई नई पाइप लाइन के जरिए ड्रेनेज चेम्बर में चला जाएगा। इस दौरान जैसे ही टैंक में पानी का लेबल नीचे आएगा, यह पम्पिंग मोटर अपने आप बन्द हो जाएगी।
पानी की समस्या का समाधान करने के अलावा 6000 वर्गफीट के तलघर में वाटर प्रूफिग प्लास्टर, आरसीसी का कार्य किया जाएगा। इसके बाद बिजली फिटिंग और वॉल पेंट कलर और फ्लोरिंग का काम करना बाकी है। काम पूरा होने के बाद इसे मेडिकल प्रशासन को सौप जाएगा।

 

फंड की वजह से रोका है काम —

मेडिकल कॉलेज ने जितना फंड दिया है, उतना काम कर दिया है। शेष राशि मिलते ही आगे का काम शुरू कर दिया जाएगा।

रामप्रकाश अहिरवार, इंदौर विकास प्राधिकरण सीईओ

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