नव प्रवेशित विद्यार्थियों को संस्था की धरोहर से परिचित करवाएं- कुलगुरु प्रो. पाण्डेय विक्रम विवि में दीक्षारंभ कार्यक्रम के आयोजन के उपलक्ष्य में अर्थशास्त्र विभाग में कार्यशाला का आयोजन हुआ
दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन। शैक्षणिक सत्र आरम्भ होने के अवसर पर विक्रम विश्व विद्यालय में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसे लेकर रविवार को अर्थशास्त्र विभाग में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कुलगुरू प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने इस दौरान कहा कि विश्वविद्यालय का यह दायित्व है कि वे अपने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को अपनी संस्था की विशेषताओं और उसकी धरोहर से परिचित करवाए।उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश शासन तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन 1 से 3 जुलाई 2024 को किया जा रहा है। नए सत्र में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए अभिप्रेरण कार्यक्रम का आयोजन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में किया जाएगा। साथ ही विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं, परिसर और लायब्रेरी में विद्यार्थियों भ्रमण करवाया जाएगा। प्रो. पाण्डेय ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को मार्गदर्शन, समग्र शिक्षा तथा जीवन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने हेतु इस प्रकार के आयोजन अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने सभी शिक्षकों को इस आयोजन में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा एवं कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. एस के मिश्रा सहित अनेक विभागाध्यक्ष एवं आयोजन समिति के सदस्य मौजूद थे।अच्छे साहित्य की रचना समय की मांग-प्रख्यात साहित्यकार प्रो. दिनेश चमोला शैलेश का सृजन-मूल्यांकन पाश्निक व्याख्यानमाला हिंदी विज्ञान कविता संग्रह मेरी 51 विज्ञान कविताएँ पर आयोजित कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने अध्यक्ष के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रो पांडेय ने प्रो. चमोला की रचनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि मातृभाषा में अच्छा साहित्य आज के समय की मांग है। प्रोफेसर चमोला की कविताएं इस साहित्य की मांग को पूरा करती हैं। उन्होंने कहा कि हर विश्वविद्यालय का यह दायित्व है कि वह अपने स्तर पर साहित्य को सदृढ़ करने की दिशा में अपनी भूमिका निभाए। उन्होंने प्रोफेसर चमोला जी को इस कविता संग्रह के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं। यह जानकारी विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने दी।