गर्मी के कारण बिजली का उपभोग….मोटी राशि के बिल ने दिया झटका
झोन कार्यालयों में सुधार के लिए उपभोक्ताओं की भीड़, फिर भी नहीं हो रहा सुधार
उज्जैन। भीषण गर्मी से बचाव के लिए शहर के लोगों ने एसी कूलर और पंखों का रातभर ही नहीं बल्कि दिन में भी खूब उपयोग किया लेकिन अब बिजली के बिल ने उपभोक्ताओं को झटका दे दिया है। हालांकि यह सभी जानते थे कि दिन भर या रात भर गर्मी से बचाव के एसी, पंखे या कूलर का उपयोग किया जा रहा है उसका परिणाम बिजली बिल के रूप में सामने आएगा बावजूद इसके इतना पता नहीं था कि बिल की राशि अपेक्षा से अधिक आएगी।
जिन उपभोक्ताओं के यहां जून माह का बिल पहुंचा है उनका कहना है कि राशि बहुत अधिक है। हालांकि लोग बिल सुधार या बिल राशि की किश्त कराने के लिए झोन कार्यालयों में पहुंच रहे है बावजूद इसके बिल में सुधार नहीं हो रहा है। जून माह में नागरिकों के घरों में बिजली बिल पहुंचने के बाद शिकायत भी बढ़ गई है। ज्यादातर उपभोक्ता बिजली कंपनी पर अधिक बिल भेजने की शिकायत कर रहे हैं। उपभोक्ताओं को संदेह है कि बिजली कंपनी ने टैरिफ दरें बढ़ा दी है या फिर गलती से ज्यादा बिल जारी किए हैं। हालांकि बिजली कंपनी इसे लंबे चले गर्मी के मौसम और बढ़ी हुई खपत का असर बता रही है। जून माह में लोगों के घरों में पहुंचे बिजली बिल आम तौर पर हर माह में आने वाले बिल से डेढ़ से दो गुना है। तमाम छोटे-बड़े उपभोक्ता इस बारे में शिकायत कर रहे हैं। बिलों में सुधार के आवेदन भी लगातार बिजली कंपनी के जोनों पर पहुंच रहे हैं। हालांकि, जोनों से बिल सुधार के अधिकार छीन लिए हैं।
ऐसे में उपभोक्ताओं के बिलों में सुधार भी नहीं हो रहा। बिजली कंपनी के अनुसार बीते अप्रैल से जून तक लगातार शहर में तेज गर्मी का प्रभाव रहा। आम तौर पर शहर की बिजली मांग बीते वर्षों में गर्मियों में 5 से सवा छह सौ मेगावाट तक होती थी। इस साल सवा सात सौ मेगावाट के पार बिजली की मांग पहुंच गई। देखा जाए तो औसत वृद्धि 20 से 30 प्रतिशत हुई है। जबकि पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि गर्मियों में बिजली खपत में 5 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, इस अनुमान से कहीं ज्यादा वृद्धि दर्ज हुई। बरसात शुरू हो चुकी है ऐसे में भी बिजली की मांग बनी हुई है। न माह में जारी हुए बिजली के बिल मई माह की खपत के हैं। मई माह बिजली खपत के लिहाज से सबसे ज्यादा मांग वाला महीना था। तेज गर्मी के कारण लोगों के यहां बिजली का उपभोग 30 से 40 प्रतिशत बढ़ा। उस माह के बिल अब लोगों को मिले हैं, तो उन्हें बढ़ी खपत के कारण राशि भी ज्यादा लग रही है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ता अपने मीटर में खपत जांच लें। अगर, बिल की रीडिंग से असल मीटर रीडिंग अलग है, तो वो इस बारे में शिकायत कर सकता है। देखा जा रहा है कि इस साल लंबी गर्मियां चलने और अधिक तापमान लगातार रहने से खपत बढ़ी है। बाजार से रिकॉर्ड एयर कंडीशन बिकने की खबरें भी आई हैं। ऐसे में बढ़ी राशि के बिल आना स्वाभाविक है।