भोजशाला पर जैन समाज ने भी ठोका दावा, इंदौर हाई कोर्ट में याचिका स्वीकार

 

जैन गुरुकुल बताया, अंबिका देवी व सरस्वती देवी की मूर्तियों पर भी दावा

इंदौर। धार स्थित भोजशाला मामले में नया मोड़ आ गया है।जैन समाज ने भोजशाला पर अपने अधिकार जताते हुए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। दायर याचिका के माध्यम से भोजशाला में जैन गुरुकुल होने की बात कही गई है।भोजशाला धार से संबंधित जैन समाज की याचिका इंदौर हाई कोर्ट में विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद जैन द्वारा लगाई गई है। याचिका क्रमांक 17333/24 को स्वीकार कर लिया गया है।याचिका में दावा किया गया है कि भोजशाला में जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी और सरस्वती देवी की मूर्तियों के होने के साथ वहां जैन गुरुकुल होने के भी प्रमाण मिलते हैं। वर्तमान में यह मूर्तियां और मूर्तियों का जैन धर्म से संबंधित होने का शिलालेख ब्रिटिश म्यूजियम में आज भी सुरक्षित है।

जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां निकलने का दावा

हिंदू पक्ष इसे सरस्वती देवी का मंदिर बता रहा है जो कि सही नहीं है। हाल ही में भोजशाला में हुए उत्खनन कार्य के दौरान भी वहां जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां, शिलालेख और जैन देवी देवताओं की मूर्तियां मिली है, जिससे यह साबित होता है कि वहां जैन मंदिर था।
संगठन की इंदौर शाखा के अध्यक्ष मयंक जैन और मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने बताया कि हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट दिनेश कुमार राजधर जैन समाज का पक्ष रखेंगे।मामले में मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू का कहना है कि मामले को लेकर चल रही सुनवाई में हमारे भी दो लोगों को शामिल किया जाए। जैन समाज से जुड़ी जो भी चीजे निकल रही है वो हमें सौंपी जाएगी। इस संबंध में करीब 8-10 दिन पहले इंदौर हाई कोर्ट में याचिका
दायर की गई थी, जिसे शुक्रवार स्वीकार कर लिया गया।

98 दिन चला सर्वे

एएसआई ने 27 जून को भोजशाला का सर्वे पूरा कर लिया। 22 मार्च से इसकी शुरुआत हुई थी और ये सर्वे करीब 98 दिन चला है। एएसआई को इस सर्वे की रिपोर्ट 2 जुलाई को हाईकोर्ट में दाखिल करनी है। इस मामले पर 4 जुलाई को सुनवाई होगी। बता दें विवाद इस बात को लेकर है कि यहां कमाल मौला मस्जिद है या मंदिर। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इस सवाल का
जवाब मिलेगा। वहीं मामले में अब जैन समाज का दावा भी जुड़ गया है