इस बार विधानसभा में कांग्रेस के लड़ाकू नेता जीतू , सज्जन और कुणाल की कमी खल रही
राष्ट्रीय स्तर पर सदनों की कार्यवाही पर नजर
इंदौर। विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस को इस बार जीतू पटवारी सज्जन वर्मा और कुणाल चौधरी जैसे पूर्व विधायकों की कमी करने वाली है जो हमेशा आक्रमण का नेतृत्व करते थे।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार जरूर है, लेकिन कई बार अति उत्साह में वो तथ्यात्मक गलतियों कर देते हैं। इस विधानसभा में कांग्रेस के सबसे ज्यादा मुद्दे उठाने वाले और कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने वाले वर्तमान पीसीसी चीफ जीतू पटवारी चुनाव हारने के कारण विधानसभा से बाहर हैं।
वहीं, दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मुद्दे उठाने वाले युवा विधायक कुणाल चौधरी भी इस बार चुनाव हार गए हैं। इसलिए विधानसभा से बाहर हो गए। यही वजह है कि कांग्रेस इस बार विधानसभा में कमजोर दिखाई देती है।
नेता प्रतिपक्ष की बात करें तो उमंग सिंघार भी उतने धारदार नजर नहीं आते हैं। पिछले विधानसभा सत्र में कांग्रेस की तरफ से सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने वाले विधायक रामनिवास रावत भी कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए हैं। इसका भी असर इस सत्र में दिखाई देगा।
मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार बनने के बाद एक जुलाई से शुरू होने जा रहा बजट सत्र में कांग्रेस जमकर हंगामा करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में लगातार बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।
इन पर सरकार का कोई अंकुश नहीं है। नर्सिंग घोटाले पेपर लीक जैसी घटनाएं सामने आई हैं, जिससे सीधे तौर पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। कांग्रेस यह बात लगातार कह रही हैं कि भाजपा अपने वचनों को पूरा नहीं कर रही है। गेहूं और धान के एमसपी नहीं बढ़ाई, लाडली बहनों को तीन हजार नहीं दे रहे हैं, 450 में गैस सिलेंडर नहीं मिल रहा। यह सभी वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं।
लोकसभा का चुनाव भी हो गया है। आगामी विधानसभा के सत्र में कांग्रेस विधायक जोर-शोर से इन मुद्दों को उठाएंगे।