11 साल बाद भी नहीं हो सका कॉलोनी का विकास प्लॉट बेच दिए पर नहीं की रजिस्ट्री, नोटिस के बाद प्लॉट धारक को मिलेगी राहत

 

इंदौर। कॉलोनी विकास की अनुमति ले ली और 11 साल तक कोई विकास नहीं किया। जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब प्लॉट धारक रजिस्ट्री ना होने की शिकायत लेकर पहुंचे तब इस बात का खुलासा हुआ। अब प्रशासन लोगों को राहत दिलाएगा।
धार रोड़ पर योगेश मंडावरा और जयकुमार बजाज द्वारा विकसित की जाने वाली क्लासिक एवेन्यू कॉलोनी को बगैर कोई परीक्षण किया वर्ष 2013 में विकास की अनुमति जारी कर दी गई। ग्यारस वर्ष बीत जाने के बाद भी इस कॉलोनी का कोई विकास नहीं हो पाया है। सस्ते के चक्कर में कई लोगों ने यहां प्लॉट बुकिंग कराए। प्रशासन द्वारा की जा रही अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई और कॉलोनी की जांच के बाद होने वाली कार्रवाई को देखते हुए प्लाट धारकों में हड़कंप मच गया।

 

प्लॉट खरीदने के बाद से अब तक रजिस्ट्री नहीं होने को लेकर वे कलेक्टर आशीष सिंह और कालोनी सेल प्रभारी एसडीएम प्रदीप सोनी से मिले। लगभग 20-25 लोगों के दल ने उनके सामने अपनी बात रखी। बताया जाता है कि कालोनी के सभी प्लाट बिक चुके 5 हैं, जिनमें से कुछ की रजिस्ट्री हो चुकी है।
शेष जिनकी रजिस्ट्री नहीं हुई, वे घबराए हुए हैं। रजिस्ट्री नहीं होने का मामला पहले भी कई बार सामने आ चुका है। प्लॉट
धारकों की शिकायत के बावजूद कोई हल नहीं निकला था। विकास कार्य नहीं करने और रजिस्ट्री नहीं होने से इन्हें अवैध कालोनी का डर सताने लगा है।
प्लॉट धारकों का कहना है कि कॉलोनी के दोंनो भागीदारों में लेन देन को लेकर विवाद हो गया, जिसके चलते कालोनी का मामला ठंडा पड़ा हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि जो लोग शिकायत लेकर पहुंचे थे उनमें से ही कुछ लोग इस कॉलोनी के पहले कर्ताधर्ता रह चुके हैं और उनकी ही खामियों के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। इधर प्लॉट धारकों की पूर्व शिकायतों के आधार पर कुछ दिन पहले कालौनी सेल प्रभारी ने कालोनाइजर को बुलाया था।
इनसे कॉलोनी में विकास कार्य और रजिस्ट्री नहीं करने पर सवाल किए। मामले में एसडीएम सोनी का कहना है कि कॉलोनाइजर से विकास नहीं करने के बारे में में पूछा है। वहीं जिन प्लॉट धारकों के प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हुई, उनसे दस्तावेज मंगवाए हैं। जल्द ही इसका निराकरण हो जाएगा।