भारतीय किसान संघ पहुंचा कलेक्टर कार्यालय जमीन अधिग्रहण का नोटिस मिलने पर किसानों में हडकंप
उज्जैन। देवासरोड के गांवों में रहने वाले किसानों के बीच एमपीआरडीसी का जमीन अधिग्रहण सहमति पत्र पहुंचा तो हडकंप की स्थिति बन गई। मंगलवार को सैकड़ो की संख्या में किसान भारतीय किसान संघ के बैनर तले कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। भारतीय किसान संघ के जिला सहमंत्री शिवचरण शर्मा ने बताया कि देवासरोड पर ग्राम पिपलोदा द्वारकाधीश, गांवड़ी, माधोपुरा में खेती किसानी करने वालों के पास एमपीआरडीसी का जमीन अधिग्रहण सहमति पत्र पहुंचा तो किसानों के बीच हडकंप मच गया। मामला किसान संघ के पास आने पर मंगलवार को 500 से अधिक किसान कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। जहां कलेक्टर के नाम एसडीएम अर्थ जैन को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें बताया कि किसान जमीन देने के लिये सहमत नहीं है। सहमति पत्र में जो बाजार मूल्य दिया गया है। वह वास्तविक मूल्य से काफी कम है। अगर बलपूर्वक षडयंत्र कर जमीन ली गई तो किसान आत्महत्या के लिये मजबूर होगा। अगर बिनास सहमति एक इंच जमीन ली गई तो किसान संघ बड़ा आंदोलन करेगा। किसान संघ के सहमंत्री के अनुसार देवासरोड पर नॉलेज सिटी का काम चल रहा है। उसकी तहत जमीन अधिग्रहण की योजना शासन द्वारा तैयार की गई है। वहीं भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष मानसिंह चौधरी का कहना था कि वर्ष 2022 में गांवों में जो ओलावृष्टि हुई थी उसमें किसानों का सौ प्रतिशत नुकसान हुआ था। प्रशासन द्वारा किसानों को मुआवजा दिया गया, लेकिन आज तक बीमा नहीं मिला है। सेवरखेड़ी डेम निर्माण में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की जा रही है। उन किसानों को भी वर्तमान बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा दिया जाये। सात दिनों में मामले का निराकरण नहीं हुआ तो आंदोलन किया जायेगा।
किसानों बोले जमीन से होता है पालण पोषण
कलेक्टर कार्यालय पहुंचे किसानों का कहना था कि उनकी जमीन अधिग्रहित कर ली जायेगी तो उनके पास कुछ नहीं बचेगा। जमीन पर खेती किसानी करने से ही उनके परिवार का पालन-पोषण होता है। किसानों का कहना था कि जमीन अधिग्रहण की सूचना समाचार पत्र से मिली थी, उनके पास कोई नहीं आया था। अब सीधे सहमति पत्र मिल रहे है। जबकि सहमति नहंी दी गई है। बिना परमिशन जमीन छीनी गई तो आत्महत्या करेगें।
इनका कहना
किसानों ने ज्ञापन सौंपा है, उन्होने एमपीआरडीसी द्वारा जमीन अधिग्रहण करने के नोटिस सहमति पत्र मिलने की बात कहीं है। जिस पर आपत्ति जताई है। मामले में दिखवाना पड़ेगा कि उन्हे कौन से नोटिस मिले है। गाइड लाइन कम होने की बात कहीं है। जैसे कलेक्टर सर के निर्देश होगें, रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाएगी।
अर्थ जैन, एसडीएम