प्रदेश में अब नया किरायेदारी अधिनियम 2023 लागू होगा

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किरायेदारों के विवादित मामले कलेक्टर-एसडीएम सुलझाएंगे

तीन माह में होगा निराकरण, तीन पेशी पर नहीं आये तो एक तरफा फैसला

इंदौर। मध्यप्रदेश में अब नये किरायेदारी अधिनियम 2023 को विधानसभा के अगले सल में पारित करवा कर लागू किया जाएगा इस सत्त में इस अधिनियम को लेकर विधि विभाग द्वारा इसका खाका प्रस्तुत कर दिया जाएगा।

इसके अंतर्गत अब किरायेदारों के विवादित मामले कोर्ट की बजाए कलेक्टर और एसडीएम स्तर पर सुने जाएंगे। अभी तक किरायेदार और मकानमालिक के विवाद सीधे न्यायालय में जाते थे और इसकी सुनवाई में लंबा समय लगता था। अब सरकार ने जिला प्रशासन के अधीन एक अधिकरण बनाने का निर्णय लिया है जहां किराये पर देने के लिए संपत्ति मालिक इसका रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एक पोर्टल भी तैयारा किया जा रहा है जिसमे लोग अपनी संपत्ति का पंजीयन करवा सकेंगे। प्रापटी मकानमालिक और किरायेदार के विवाद अब सीधे न्यायालय में नहीं जाएंगे इसकी सुनवाई के लिए सरकार किराया न्यायालय और किराया अधिकरण बनाने जा रही है पहले कलेक्टर कार्यलय में आवेदन देना होगा ,जिससे लोगों को त्वरित न्याय मिल सके।
न्यायालय में कलेक्टर और एसडीएम को अधिकृत किया जा रहा है जो सुनवाई करेंगे। इसमे प्रत्येक जिला न्यायालय में पदस्थ किसी एक व्याया न्यायाधीश को प्राधिकरी बनाया जाएगा। विवाद की स्थिति में किरायेदार और मकान मालिक इन्हीं नावलगों में अपील कर
जांच करेगी।

इसमे अगर वादी या प्रतिवादी में से कोई भी पेशी पर तीन बार तक नहीं पहुंचेगा तो इसका एक तरफा फैसला हो जाएगा। आदेश होने के बाद कब्जा दिलाने का काम भी जिला प्रशासन करेगा।
इसमे किराये से संपत्ति देने के लिए संपत्ति मालिक को अब जिला प्रशासन के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना सकेंगे। पक्षकार को शपथ पत से न्यायालय और अधिकरण होगा इसके साथ संपत्ति का एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क जिला प्रशासन में जमा होगा। कब्जा लेने से 24 घंटे पहले किरायेदार को इसकी सूचना मकान मालिक को देना होगी।

एक माह के अंदर किरायेदार अगर कोई संपत्ति को खाली नहीं कर रहा है तो इसकी सूचना किरावेदारी न्यायालय को देना होगी। अभी तक किरायेदार और मकान मालिक के विवाद सीधे न्यायालय में जाते थे जहां मकानमालिक और किरायेदार के पचास और सौ रुपये के स्टाम्प में अनुबंध को न्यायालय स्वीकार नहीं करता था।
इस नये अधिनियम में मकान मालिक या दुकान मालिक टूटफूट होने पर उसे दुरुस्त करा सकेगा इसमे किरायेदार उसे रोक नहीं सकता है। सरकार ने किरायेदारी अधिनियम 2023 तैयार कर लिया है जो किरायेदार और मकान मालिक के विवाद को त्वरित रुप से सुलझाने में अहम भूमिका निभायेगा यह अगले सत्र में लाया जा रहा है।

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