अब महिला, बच्चों व बुजुर्गों को बयान देने नहीं जाना होगा थाने
नए कानून में नए प्रावधान… 5 से ज्यादा लोगों के समूह ने किया अपराध तो कहलाएगी माबलिचिंग
इंदौर। साइबर एक्सपर्ट के ओपिनियन को नए कानून में मान्यता मिली है। ट्रायल, इंवेस्टिगेशन में सीधा लाभ मिलेगा। सबसे बड़ी चुनौती एक आम आदमी की होती है, चाहे उसके खिलाफ या वह करे। दो आदमी थाने में झूठ बोल दें, फिर भी पुलिस की मजबूरी रहती थी कि एफआईआर लिखना है।
अभी भारत में यह स्थिति नहीं है कि 60-90 दिन में पुलिस बारीकी से जांच करे और खात्मा करे। उनकी अपनी परेशानियां हैं। नए कानून में एविडेंस कलेक्ट की बात कही गई है, जिससे लाभ मिलेगा। कई नई चीजें इसमें आई हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई शादी का आश्वासन देकर महिला से दुष्कर्म करता है। इसमें अब दुष्कर्म की धारा में केस दर्ज नहीं होगा, इससे कानून का दुरुपयोग होने से बचेगा। यह बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय के सभागार में सोमवार से लागू हुए नए आपराधिक कानून-2023 के प्रचार प्रसार व जागरूकता के लिए आयोजित परिचर्चा में कही। उन्होंने बताया कि मैंने एक सुझाव भी दिया है कि हर थाने पर दो एसएचओ हों, एक जांच और एक लॉ आर्डर के लिए।
तभी जाकर सही अर्थों में जो बदलाव आए हैं, वे जमीन पर उतारे जा सकेंगे। क्योंकि अभी इसमें समस्या आएगी।
बुजुर्गो के पास जाएगी पुलिस
15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को अब बयान दर्ज करवाने थाने नहीं जाना पड़ेगा। पुलिस खुद घर या फिर जिस स्थान पर वह बयान देना चाहेंगे, वहां जाएगी। पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के समूह द्वारा किए अपराध को माबलिंचिंग के नाम से जाना जाएगा।
इसमें हत्या में मृत्युदंड और मारपीट पर सात वर्ष का सजा व जुर्माना लगेगा। अभी तक सभी चोरी की घटनाओं में एक ही धारा में प्रकरण दर्ज होता था, लेकिन अब पूजा स्थल से मूर्ति या प्रतीक की चोरी करने पर सात वर्ष का कारावास और जुर्माने की सजा होगी।
विदेश से बयान के लिए नहीं आना पड़ेगा
अब तक बयान के लिए थाने आना पड़ता था, इससे विदेश या दूर रहने वाले को समस्या होती थी। अब नए कानून में वह ऑडियो-वीडियो के माध्यम से बयान दर्ज करवा सकेंगे। अब दुष्कर्म के प्रकरण की पीड़ित के कथन ऑडियो-वीडियो के माध्यम से लिए जा सकते हैं। इसके लिए उन्हें नहीं आना पड़ेगा।