इंदौर से एडवाइजरी फर्म के 2 संचालकों को सीबीआई ने पकड़ा

 

देशभर के सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप

इंदौर। सीबीआई ने इंदौर में एडवाइजरी फर्म संचालकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर देशभर के सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप है। इस घोटाले की भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)और पुलिस भी जांच कर रही है। कंपनी पर देशभर में 29 से ज्यादा एफ़आईआर दर्ज है।

सीबीआई (मुंबई) ने हाईकोर्ट के आदेश पर हाई ब्रो मार्केट रिसर्च इन्वेस्टमेंट एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड (हाई ब्रो) के विरुद्ध जांच शुरु की थी। आरोपी अवैध पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (पीएमएस) चला रहे थे। आरोपियों ने वाट्सएप,टेलिग्राम ग्रुुप के माध्यम से उच्च शिक्षित निवेशकों को झांसे में लिया और भारी रिटर्न का झांसा देकर करोड़ों रुपये निवेश करवाए।

सीबीआई व सेबी से की थी जांच की मांग

कोविड के बाद निवेशकों ने सेबी को ऑन लाइन शिकायतें भेजना शुरू की।फर्जीवाड़ा में विभिन्न राज्यों में करीब 29 आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे। समूह ने 2022 में बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सेबी से जांच की मांग की।
मामले में कंपनी के प्रमोटर गिरीश कुमार,चंदनसिंह राजपूत,मोहित श्याम रत्न छपरवाल,लक्ष्मीकांत लालमनी,हेमंत अग्रवाल,स्वप्निल विजय कुमार प्रजापति, संजना,अनामिका, पूर्वी, मोहिता,रजत सिंघानिया,वरुण सिंह आदि के विरुद्ध जांच शुरू हुई। फर्जीवाड़ा में करीब 250 बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव के भी शामिल होने के सबूत मिलें।
आरोपी बंद हो चुकी वेबसाइट वेज टू केपिटल डाॅट काम के माध्यम से निवेश करवाते थे। सीबीआइ ने एक साथ दो जगह छापे मारे और हेमंत व उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों का शाम को एमवाय अस्पताल में मेडिकल चेकअप करवाया और स्थानीय पुलिस के पास छोड़ दिया।