देश के साधु संत, नेता, अभिनेता से आग्रह कि वो लोगों से पौधारोपण करवाये- प्रज्ञासागर

सुसनेर। वृक्षों ने हमारी गंदगी को लिया और आक्षिजन के रूप में हमे जीवन दिया। कार्बन डाइआॅक्साइड गेस जो हमारे शरीर से गंदगी के रूप में निकलती है वो पेड़ पौधे ओर वृक्ष लेते है और हमे बदले में हमारे जीवन और प्राण के लिए आवश्यक आक्सीजन हमे 24 घण्टे देते है। ये प्रकृति का हमे आशीर्वाद ओर वरदान है कि जिस भीषण गर्मी में सबसे ज्यादा परेशानी होती है उसी भीषण गर्मी में ये हरे भरे वृक्ष हमे सबसे ज्यादा रसीले फल देते है। इसीलिए हमारा लक्ष्य है कि एक करोड़ वृक्ष लगे। इस बार दिल्ली के तापमान में सारे देश के लोगों को डरा दिया है।
उक्त आव्हान स्थानीय त्रिमूर्ति जैन मंदिर में आयोजत वृक्षारोपण महोत्सव कार्यक्रम में आचार्य श्री प्रज्ञासागर महाराज ने बड़ी संख्या में आये सर्व धर्म एवं समाज के लोगो को सम्बोधित करते हुए ने कही। उन्होंने सर्वधर्म सभा ओर नगर में पहली बार आचार्य के आव्हान पर निकली विशाल पौधारोपण यात्रा जो त्रिमूर्ति मन्दिर से शासकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय पहुँची वहां भी पौधारोपण के पूर्व आयोजित सर्वधर्म सभा को सम्बोधित करते हुए लोगो से आग्रह किया कि वो पेड़ लगाए और पौधारोपण करे। पहले हमारे हरेक के घर मे एक पीपल ओर निम का वृक्ष जरूर होता था। पर अब वो आदत हमे फिर से बनानी होगी।
मेरा देश के सभी ऋषि मुनियों, साधु संतों, धर्मगुरुओं, नेता और अभिनेताओं से आग्रह है जिनकी बात सुनी जाती है और उनकी बात मानते है वो सभी लोगो से पौधारोपण का आव्हान करे तभी ये प्रकृति और पर्यावरण बचेगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद सांसद रोड़मल नागर ने भी सर्वधर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबको आव्हान कर रहे कि अपनी मां के नाम से एक पौधा जरूर लगाएं। आचार्य श्री प्रज्ञासागर जी महाराज भी आव्हान कर रहे है कि पर्यावरण को बचाने के लिए पौधारोपण करे। मेरा भी आप सभी से आग्रह है कि अपनी मां के नाम से जरूर पौधा लगाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह ने भी कहा कि आचार्य श्री प्रज्ञासागरजी महाराज ने जो अपने जीवन का संकल्प लिया है एक करोड़ पौधारोपण का उसमे हम सबको भी अपना पूरा सहयोग देकर पर्यावरण एवं प्रकृति को बचाने के लिए पौधारोपण कर उन पौधों को वृक्ष बनाना है। क्योंकि पर्यावरण बचेगा तभी आने वाली पीढ़ी बचेगी। ओर प्रकृति और पर्यावरण सुरक्षित होगा।