बिहार के युवको को क्षिप्रा में डूबने से बचाया
उज्जैन। धार्मिक यात्रा पर आये 2 युवक शनिवार दोपहर क्षिप्रा की गहराई में चले गये। होमगार्ड जवानों ने उन्हे डूबते देखा तो छलांग लगाकर उनकी जान बचाते हुए बाहर निकाला। बिहार का रहने वाला अभिरंजन पिता ज्योतिषचंद्र दास 23 वर्ष अपने साथी अविनाश पिता रामचंद्र यादव 27 वर्ष के साथ धार्मिक यात्रा पर आया था। महाकाल दर्शन करने से पहले दोनों क्षिप्रा नदी रामघाट पर नहाने करने पहुंचे। इस दौरान अभिरंजन अचानक पैर फिसलने से क्षिप्रा की गहराई में चला गया, उसे डूबता देख अविनाश बचाने के लिये पहुंचा लेकिन वह भी डूबने लगा। रामघाट चौकी प्रभारी की जगदीश सोलंकी की नजर डूबते युवको पर पड़ी तो तत्काल राहुल सूर्यवंशी, राजेन्द्र के साथ रामघाट पहुंचे और छलांग लगाई। दोनों को मशक्कत के बचाकर बाहर निकाला गया। दोनों पढ़ाई करते है और शनिवार को ही धार्मिक यात्रा पर आये थे।
सुरक्षा के नहीं पर्याप्त इंतजाम क्षिप्रा नदी रामघाट पर आये दिन श्रद्धालुओं के डूबने की घटना सामने आ रही है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु नहान के लिये पहुंचते है। क्षिप्रा के घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं होने के चलते गहराई में चलते जाते है। घाटों की सीढ़ियों पर फिसलन बनी हुई, जिसकी वजह से हादसे ज्यादा हो रहे है। रामघाट चौकी से लगातार गहराई में नहीं जाने का अलाउंसमेंट किया जाता है, लेकिन फिसलन श्रद्धालुओं को गहराई में ले जाती है। घाटो पर सुरक्षा दृष्टि से रैलिंग भी नहीं लगी है। सावन मास में पहुंचेगें लाखों श्रद्धालु आगामी दिनों में सावन-भादौ मास की शुरूआत होने जा रही है। इस दौरान क्षिप्रा के घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में होगी। अगर अब भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये गये तो श्रद्धालु हादसे का शिकार होने से नहीं बच पायेगें। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को क्षिप्रा की गहराई का अंदेशा नहीं होता है।