नामी स्कूलों   की बसों में भी नौनिहालों का जीवन खतरे से खाली नहीं, चेकिंग के दौरान अफसरों पर आने लगा दबाव..!

उज्जैन। आरटीओ और पुलिस प्रशासन की टीम द्वारा भले ही स्कूलों की बसों और विद्यार्थियों को स्कूल लाने ले जाने वाले निजी वाहनों की चेकिंग की जा रही हो लेकिन बताया जा रहा है कि अब जांच करने वाली टीम पर किसी न किसी रूप से राजनीतिक दबाव भी आने लगा है क्योंकि बताया जा रहा है कि  जिन नामी स्कूलों की बसों की चेकिंग हो रही है और जो नियम विरूद्ध संचालित की जा रही है उन स्कूलों से किसी न किसी रूप से राजनेताओं के नाम भी जुड़े हुए है। हालांकि यह बात अलग है कि जांच के दौरान कई स्कूल संचालकों पर जुर्माना लगाया गया है। लेकिन यह सच है कि शहर के नामी स्कूलों की बसों में भी नौनिहालों का जीवन खतरे से खाली नहीं माना जा सकता है।

शहर में आरटीओ और पुलिस स्कूल बस व प्राइवेट वाहनों से स्टूडेंट्स को लाने ले जाने वाले वाहनों की जांच कर रही हैं। टीम ने खामियां मिलने पर कई स्कूल संचालकों पर जुर्माना लगाया और उन्हें ऐसा ना करने की चेतावनी देकर छोड़ा जा रहा है। इसमें शहर के कई बड़े और नामी स्कूलों की बसें भी शामिल हैं।

 नियमों की पालन नहीं कर रहे
शहर में प्राइवेट स्कूलों से बच्चों को लाने ले जाने के लिए जो वाहन व बसें चलती हैं, उन पर आरटीओ के नियम अनुसार उपकरण लगे होने चाहिए। इसके अलावा इमरजेंसी गेट भी होने चाहिए लेकिन अधिकतर स्कूल संचालक इन नियमों की पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कोर्ट ने नियमों की अवहेलना हो रही है और हादसों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी को देखते हुए शहर में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा हैं, जो आगे भी जारी रहेगा।

नामी स्कूल की बसों में भी कई खामियां

बीते दो दिनों से जारी जांच अभियान के अंतर्गत शहर के ज्ञान सागर और निर्मला कान्वेंट जैसे बड़े और नामी स्कूल की बसों में भी कई कमियां पाई गई। अभी तक कुल 78 वाहनों की जांच की गई हैं और एक लाख से ज्यादा का जुर्माना वसूल किया गया है। गौरतलब है कि सुरक्षित वाहन पॉलिसी के अंतर्गत निजी स्कूलों की बसों को करीब 19 नियमों को पूरा करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि स्कूलों में बसों में स्पीड गवर्नर होना, जीपीएस सिस्टम होना, बस का कलर पीले रंग का होना, वाहन का परमिट होना, फस्ट एड बॉक्स का होना, फायर सेफ्टी यंत्र का होना, चालक परिचालक का ड्रेस में होना, वाहन पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 अंकित होना, वाहन में कैमरा होना, वाहन पर स्कूल का नाम, बस के मालिक का नाम, फोन नंबर अंकित होना, ड्राइवर को पाँच साल के वाहन चलाने का अनुभव होना, ड्राइवर का मेडिकल फिट होना समेत 19 नियमों का पालन करना नितांत जरूरी हैं।