दुर्घटनाओं को आमंत्रण देते जान लेवा गड्ढे भीमाखेड़ा पुलिया-महिदपुर रोड़ मार्ग पुलिया

महिदपुर। नगर को गड्ढों का शहर कहना नगर की शान के लिये उचित तो नहीं होगा किंतु अभी हुए बस हादसे और भी पूर्व में हो चुके हादसें को लेकर जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर आकर्षित करवाया भी आवश्यक हो गया है। नगर के इन दोनों मुख्य मार्गो पर ज्योकि नगर को घोंसला हाकेर उज्जैन इंदौर आगर मक्सी तराना शाजापुर तथा महिदपुर रोड़ होकर नागदा जावरा मंदसौर आलोट के साथ ही राजस्थान की सीमा को जोड़ता है मगर कभी प्रदेश हाईवें का भी दर्जा प्राप्त नहीं कर पाया। इस मुख्य मार्ग पर भीमाखेड़ा खाल की पुलिया के दोनों और छोरो के आनें और जानें वाले मार्ग तथा नारायण रोड़ चैराहे के आगे महिदपुर रोड़ जानें वाले मार्ग पर आगे बनी खेडा़पति हनुमान जी के सामनें खाल की पुलिया पर विगत के बीते 5 वर्षो पूर्व से ही लगातार ही जानलेवा गड्ढे हो रहे है।
विगत के समय में भी इन जानलेवा गड्ढों की ओर समाचारों के माध्यम से जिम्मेदारों का ध्यान आकर्षित करवाया जा चुका है मगर वह सब नक्कारखानें में तूती की आवाज बनकर रह गया है दिखानें के लिये उनमे थोड़ी बहुत मिट्टी और मुरम ड़ाल दी जाती है जिसके बाद थोडे ही दिनों में फिर वही हाल हो जाता है और आज भी आनें जानें वाले वाहन चालको और पैदल आनें जाने वालों के द्वारा भगवान का शुक्र मनाकर सावधानी से गुजर जानें में अपनी भलाई समझ कर गुजरा जा रहा है। बारिश में इन गड्ढों में पानी भरा रहने से इन गड्ढों की गहराई का अनुमान लगाना भी सहज नहीं होता है खासकर दो पहिया वाहनों तथा छोटे चार पहिया वाहनों की हालत खराब होती है बारिश में किसी बड़ी दुर्घटना होनें की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है।