ग्रामीण क्षेत्रों में  रोजगार बढ़ाने के प्रयास- उज्जैन जिले के ग्रामीण युवा करेंगे सरकारी योजनाओं की गिरदावरी

उज्जैन। अब उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी सरकारी योजनाओं की गिरदावरी करेंगे। अर्थात युवाओं से सर्वे का काम काया जाएगा। दरअसल सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने का प्रयास कर रही है इसलिए  न केवल प्रदेश बल्कि उज्जैन अंचल में भी ग्रामीण इलाकों के युवाओं को लाभ मिलने वाला है।

सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में किसानों सहित युवाओं को नई-नई योजनाओं से जोडकऱ  लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण युवाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से सरकारी योजनाओं की गिरदावरी यानी सर्वे का काम कराया जाएगा। राज्य सरकार की इस पहल से ग्रामीण युवाओं को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

ताकि फसलों की सही गिरदावरी हो सके

सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद सहित बहुत सी सरकारी योजनाओं में फसलों की गिरदावरी की जाती है। इस काम के लिए अब राज्य सरकार ग्रामीण युवाओं को जोड़ना चाहती है, ताकि फसलों की सही गिरदावरी हो सके और योजना में और पारदर्शिता आए ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सके। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशानुसार फसलों की गिरदावरी के लिए अब युवाओं को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए इच्छुक युवाओं से 10 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। जो भी पढ़े-लिखे युवा इस काम को करना चाहते हैं, वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। फसलों की मध्यप्रदेश भू अभिलेख नियमावली के मुताबिक फसल गिरदावरी का काम साल में तीन बार किया जाता है। पहला खरीफ फसल सीजन में, दूसरा जायद फसल सीजन में और तीसरा रबी खेतों के रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के लिए युवाओं को प्रति खसरा आठ रुपये दिए जाएंगे। नई व्यवस्था के तहत गांव के कुछ युवाओं को ही पटवारी की जगह खेतों की गिरदावरी कराने के लिए चयनित किया जाएगा। चयनित युवक ही मोबाइल एप की मदद से गिरदावरी का काम पूरा करेंगे। इससे किसानों की फसल का सही रिकॉर्ड किसान चढ़वा सकेंगे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए फर्जी जानकारी भी नहीं दे पाएंगे। इस काम को नीमच और सिवनी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर वर्ष 2023 में शामिल किया गया था। यहां सफलता मिलने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत सभी 52 जिलों के 53 हजार गांवों के करीब 80 लाख किसानों के खेतों में होने वाली फसलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा। इसको लेकर आयुक्त भू-अभिलेख ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र भी जारी कर दिए हैं। यह होती है गिरदावरी किसानों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए उनके खेत का रकबा और होने वाली फसल को आधार बनाया जाता है। इसके लिए हर खेत की गिरदावरी होती है। इसमें देखा जाता है कि किस खेत में कौन सी फसल लगाई गई है। रबी, खरीफ और अन्य सीजन में क्या फसल ली गई है इसकी भी सटीक जानकारी इससे मिलेगी।  फसल की गिरदावरी साल में तीन बार सारा एप के माध्यम से की जाएगी।