सेवानिवृत्ति और तबादले के बाद भी खाली नहीं किया शासकीय आवास
उच्च अधिकारियों द्वारा ही बरती जा रही लापरवाही
इंदौर। तबादला सेवानिवृत्ति के बाद शासकीय आवास खाली कर अन्य कर्मचारियों को सुविधा देने के बजाय कर्मचारी अभी भी वहीं डटे हुए हैं।
एसडीम न्यायाधीश मध्य प्रदेश लोक परिषद जूनी इंदौर लोक निर्माण विभाग के 12 कर्मचारियों को शासकीय आवास खाली करने के नोटिस जारी किए हैं। एसडीएम एवं सक्षम प्राधिकारी मध्यप्रदेश लोक परिसर (बेदखली) जूनी इंदौर घनश्याम धनगर ने बताया कि जिले में सेवा देने वाले शासकीय कर्मचारियों को शासकीय आवास की सुविधा दी जाती है।
तबादला होने या सेवानिवृत्ति के बाद भी कुछ कर्मचारी या आवास खाली नहीं करते हैं लंबे समय तक उनकी जगह अलॉट होने वाले अन्य कर्मचारी आवास के लिए इंतजार करते रहते हैं इस दौरान उन्हें किराए के भवन में भी रहना पड़ता है।
कई बार कर्मचारियों के साथ ही आवास खाली नहीं होने के कारण उच्च अधिकारियों को भी किराए के बंगले अथवा रेसीडेंसी में मजबूरन रहना पड़ा है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग के 12 कर्मचारी जिन्होंने सेवानिवृत्ति या तबादला होने के बाद भी आवास खाली नहीं किए हैं उन्हें नोटिस जारी कर शीघ्र आवास खाली करने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि डीएम संभाग एक के आर के केसरी को ओल्ड पलासिया, एमवाय अस्पताल शाखा के रामनारायण, सेवानिवृत्य भृत्य श्याम एंथोनी राजेश कनहर राम सिंह सिंगर मथुरा प्रसाद गुप्ता रफीक चांद खां को सेवानिवृत्ति के बाद भी आवास खाली नहीं करने तथा उप संभाग एक के चौकीदार रहे इंद्रपाल, वाहन चालक गोकुल के परिजनों को उक्त कर्मचारी की मृत्यु होने के बाद भी आवास खाली नहीं करने तथा स्थाई कर्मी लोक निर्माण विभाग गांधियल शाखा के रमेश साल्वे एवं सहायक विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग पलासिया शाखा के हेमचंद्र कुमावत को दिए गए आवास खाली करने के निर्देश के साथ ही नोटिस जारी किए गए हैं।
एसडीएम ने अपने आदेश में स्पष्ट दिखाई की वह नोटिस मिलने के एक सप्ताह के अंदर उक्त आवाज खाली कर दें, जिससे निवान कर अन्य कर्मचारियों को आवास की सुविधा मिल सके। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा दिए गए पत्र के अनुसार कुल 17 कर्मचारियों में से 5 को छोड़कर अन्य 12 कर्मचारियों के अनधिकृत रूप से शासकीय आवास पर रहने को लेकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।