झांसा देकर संतों से की थी लाखों की धोखाधड़ी 2 माह बाद मंदाकिनी देवी के साथी ने कोर्ट में किया सरेंडर
उज्जैन। संतों को महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर लाखों की धोखाधड़ी करने वाली निरंजनी अखाड़े से निष्कासित मंदाकिनी देवी के साथी ने 2 माह की फरारी के बाद गुरूवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। महाकाल पुलिस ने 2 दिनों की रिमांड पर लिया है। सांदीपनी आश्रम के सामने नागचंद्रेश्वर मंदिर परिसर में निवास करने वाली निरंजनी अखाड़े से निष्कासित की गई महामंडलेश्वर मंदाकिनी देवी उर्फ ममता जोशी ने अपने पद पर रहते हुए कई संत-मंहतों को अपने साथी अश्विन चौधरी निवासी हरिद्वार उत्तराखंड के साथ मिलकर महामंडलेश्वर, आचार्य महामंडलेश्वर, गौसंवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष, राज्यपाल बनाने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए लाखों रूपये ले लिये थे। मंदाकिनी और उसके साथी पर पहला मामला 6 मई को चिमनगंज पुलिस ने महामाया आश्रम मंगलनााथ के महंत सुरेश्वरनंद पुरी महाराज की शिकायत पर दर्ज किया था। मंदाकिनी और अश्विनी ने महंत सुरेश्वरनंद को महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 7 लाख की धोखधड़ी की थी। 10 मई को दोनों के खिलाफ जयपुर निरंजनी अखाड़े से आये महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर महाराज ने महाकाल थाने पहुंचकर आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर 8.90 लाख की धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करा दिया था। मंदाकिनी देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अश्विन चौधरी की 2 माह से तलाश की जा रही थी। गुरूवार को एकाएक अश्विन ने कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर कर दिया। महाकाल थाना पुलिस को जानकारी लगी तो कोर्ट पहुंची और अश्विन को कस्टडी में लेकर 2 दिन का पुलिस रिमांड मांगा। टीआई अजय वर्मा ने बताया कि अश्विन से रिमांड अवधि के दौरान पूछताछ की जा रही है। धोखाधड़ी कर लिये गये रूपयों के संबंध में पता लगाया जा रहा है।
प्रकरण दर्ज होने पर खाया था जहरीला पदार्थ
मंदाकिनी देवी ने अपने खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होने और निरंजनी अखाड़े से निष्कासित किये जाने के बाद 7 मई की सुबह अपने निवास स्थान परिसर में पहले प्रेस कांफ्रेंस बुलाई, मीडिया पहुंचती उससे पहले उसने जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसे अनुयायी जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां कुछ दिन उपचार चलने के बाद चिमनगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। महाकाल पुलिस ने पहुंचकर अपने यहां दर्ज प्रकरण में गिरफ्तारी ली थी। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था।
कई शिकायतों आवेदन की जांच
मंदाकिनी देवी और अश्विन चौधरी पर प्रकरण दर्ज होने के बाद उनके कारनामों के कई राज सामने आने लगे थे। कुछ संतों ने शिकायती आवेदन भी पुलिस को सौंपे थे। दोनों ने मोनीतीर्थ आश्रम के संत सुमनभाई को गृहमंत्री अमित शाह का खास बताते हुए राज्यपाल बनाने का झांसा दिया था। यही नहीं महामंडेलश्वर वर्षा नागर को गौसंवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष बनाने की बात कहते हुए लाखों की मांग की थी। चिंतामण क्षेत्र के संत भगवानबापू को अपने जाल में उलझा लिया था। मंदाकिनी देवी ने कहारवाड़ी स्थित आश्रम पहुंचकर भी विवाद किया था और खुद के साथ छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगा दिया था। उक्त मामले में भी महाकाल पुलिस उसकी गिरफ्तारी कर चुकी है।