इंदौर में तैयार चार मंजिला लैब, अब उज्जैन के सैंपलों की जांच जल्द होगी

अभी तक भोपाल या सागर भेजने पड़ते थे खाद्यान्न सामग्री के सैंपल
उज्जैन। अब उज्जैन के पड़ौसी शहर इंदौर में ही चार मंजिला आधुनिक लैब तैयार हो  गई है। है। खाद्य विभाग के अफसरों का कहना है कि लैब तैयार होने के बाद उज्जैन में व्यापारियों के यहां से लिए जाने वाले खाद्यान्न सामग्रियों के साथ ही दूध, मसालों, मावा आदि के सैंपल जांच के लिए इंदौर ही भेजे जाएंगे और जांच रिपोर्ट भी जल्द मिलने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी। गौरतलब है कि अभी तक जांच के लिए सैंपलों को भोपाल या सागर भेजना पड़ता था।
खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच के लिए अब शहर को भोपाल या सागर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। खाद्य, मसालों, दूध आदि के सैंपल की जांच के लिए इंदौर में  तलावली चांदा में चार मंजिला आधुनिक लैब तैयार हो चुकी है, जहां ये जांचें की जा सकेंगी। हालांकि इस लैब को तैयार होने में पांच साल लग गए। तुलसी सिलावट जब स्वास्थ्य मंत्री थे तब उन्होंने तलावली चांदा में पैथ लैब भवन का निर्माण शुरू कराया था, अब जबकि सिलावट जल संसाधन मंत्री हैं, तब जाकर ये बनकर तैयार हो सकी। 4.33 करोड़ रुपए के बजट वाली इस चार मंजिला लैब के निर्माण में हुई लेतलाली के चलते लागत बढ़कर 6.50 करोड़ रुपए हो गई। अक्टूबर 2019 में जब तुलसीराम सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, तब इस लैब का भूमिपूजन तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति ने किया था।
वाणिज्यिक कर मंत्री ब्रजेंद्रसिंह राठौर व लोनिवि मंत्री सज्जनसिंह वर्मा की उपस्थिति में तब सिलावट ने दावा किया था कि लैब भवन एक वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा और सैंपल भोपाल-सागर नहीं भेजना पड़ेंगे, लेकिन इसमें पांच साल लग गए। अब भवन तैयार है और इसमें आवश्यक उपकरण व स्टाफ भी पदस्थ कर दिया गया है। कुछ उपकरण बाकी हैं, वे भी जल्द ही लाए जाएंगे। यहां से खाद्य एवं औषधि प्रशासन और नगर निगम के खाद्य विभाग द्वारा लिए जाने वाले सैंपल जांच के लिए भोपाल और सागर भेजना पड़ते हैं। बताया जाता है ज्यादातर व्यापारी भोपाल की लैबोरेटरी में सेटिंग कर लेते हैं और उनका सैंपल पास हो जाता है।

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