झांसा देकर लोगों का खुलवाते थे बैंक खाता-सट्टा बेटिंग के लिये छत्तीसगढ़ का गिरोह करता था उपयोग

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दैनिक अवंतिका उज्जैन। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को झांसा देकर उनके दस्तावेज लिये जाते थे और बैंक खाता खुलवाया जाता था। जिसे बाद में छत्तीसगढ़ के गिरोह को बेच दिया जाता था। जहां सट्टा बेटिंग के साथ धोखाधड़ी के रूपयों का ट्रांजेक्शन करने के लिये उपयोग किया जाता था। 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने सात दिनों की रिमांड पर लिया है।
चिमनगंज थाना पुलिस को खबर मिली थी कि महिदपुर के राघवी थाना क्षेत्र का रहने वाला भुवान पिता सुरेशचंद्र परमार इंदिरानगर में किराये का मकान ले निवास कर रहा है। वह शहर और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पर्सनल लोन दिलाने का झांसा देकर उनके आधार कार्ड, पेनकार्ड लेकर बैंको में खाता खुलवाया जा रहा है, वहीं दस्तावेजों से मोबाइल सीम खरीदी जा रही है। थाना प्रभारी हितेश पाटिल ने मामले का पता लगाने के लिये एसआई विकास देवड़ा की टीम को अलर्ट किया। शनिवार-रविवार रात एमआर-5 मार्ग रेलवे ब्रिज के पास से भुवान परमार और उसके साथी सुरेन्द्र कुमार पिता तोलाराम निवासी छत्तीसगढ़ को पकड़ा गया। उनके पास से 2 बेग जप्त किये गये। जिसमें 25 से अधिक एटीएम कार्ड, 12 मोबाइल सीम, लेपटॉप, 10 चैकबुक, 7 मोबाइल मिले। कुछ दस्तावेज भी बेग में रखे हुए थे। दोनों को थाने लाया गया, जहां पूछताछ में सामने आया कि लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेजों से बैंक खाता खुलाया जाता था। वहीं मोबाइल सीम खरीदने के बाद बैंक खाते और सीम छत्तीसगढ़ के राजनंद गांव में रहने वाले युवक को बेच दिया जाता था। वह रायपुर में कुछ युवको तक पहुंचाता है। खातों और मोबाइल सीम का उपयोग सट्टा बेटिंग, आॅनलाइन गेमिंग के साथ धोखाधड़ी की राशि का ट्रांजेक्शन करने के लिये उपयोग किया जाता था। मामले में थाना प्रभारी पाटिल ने बताया जा कि मामले में संगठित अपराध की धारा 111, 61 (2) बीएनएस का प्रकरण दर्ज कर दोनों को सात दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। दोनों से पूछताछ में कुछ लोगों की जानकारी सामने आई है। जिनकी तलाश के लिये एक टीम को छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है।
बैंक खातों के बाद एटीएम भी कर लेते थे प्राप्त
एसआई विकास देवड़ा ने बताया कि हिरासत में आया भुवान झुग्गी बस्ती और निचली बस्ती में रहने वाले लोगों को अपने जाल में फंसाता था। लोन दिलाने का झांसा देकर उन्हे बैंक में खाता खुलवाने भी ले जाता था। बैंक से खातों का एटीएम भी प्राप्त करने का आवेदन भी कर दिया जाता था। खाता खुलवाने से कहा जाता था कि लोन की राशि खाते मे आयेगी। जब तक एटीएम और खाता उनके पास रहेगा। राशि आते ही अपना कमीशन काटकर खाता और एटीएम लौटा दिया जाएगा। खाते से राशि तुम्हारे हस्ताक्षर के बाद ही निकाली जा सकेगी। लेकिन उसी दस्तावेज से प्राप्त की गई मोबाइल सीम भुवान खुद अपने पास रख लेता था। ताकि आॅनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान मैसेज खाताधारक तक नहीं पहुंचे। 6 माह से वह लोगों के खाते खुलावा की छत्तीसगढ़ में बेचने के बाद मुनाफा कमा रहा था।