अफसरों की उदासीनता…. उज्जैन की   181 में दस हजार से अधिक लंबित शिकायतें, ये हाल है सीएम हेल्पलाइन के

उज्जैन। यूं भले ही यह दावा किया जाता है कि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों का निराकरण त्वरित होता है और इसी विश्वास के साथ लोग सीएम हेल्पलाइन 181 में अपनी समस्याओं को लेकर शिकायत करते है। हालांकि लोगों की शिकायत भी दर्ज हो जाती है लेकिन उनका निराकरण नहीं होता है। बताया गया है कि सीएम हेल्पलाइन में उज्जैन की ही करीब दस हजार से अधिक शिकायतें लंबित पड़ी हुई है जिनका निराकरण दो माह के दौरान भी नहीं किया जा सका है।

उज्जैन की स्थिति  बी ग्रेड के साथ तीसरी

इनमें सर्वाधिक शिकायतें राजस्व, पुलिस, नगर निगम और महिला एवं बाल विकास विभाग की हैं। शिकायतों के समाधान की स्थिति जांचने पर पता चला कि अफसर बीते 20 दिनों में केवल 313 लंबित शिकायतों का ही निराकरण कर पाए हैं। शिकायत का निराकरण करने के मामले में उज्जैन की स्थिति प्रदेश के बड़े शहरों की सूची बी ग्रेड के साथ तीसरी है। सीएम हेल्पलाइन को लेकर जनता में यह भावना है कि इस हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी जाए तो सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंच जाएगी और अफसर काम कर देंगे। किंतु उज्जैन का प्रशासनिक अमला इस भावना पर पलीता लगा रहा है।  सुशासन की स्थापना के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार ने सुदूर ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करवाने के लिए सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 पर फोन करने या वेबसाइट के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा 31 जुलाई 2014 से प्रारंभ की है। कई लोगों ने समस्याओं का हल भी पाया है, मगर कई ऐसे भी हैं, जिनकी शिकायतों का हल करने में अफसरों ने देरी की या विशेष कारणों से हल ही नहीं कर पाए। परिणामस्वरूप शिकायतों का ग्राफ बढ़ता चला गया। मुख्यमंत्री के गृह जिले में शिकायतों की संख्या बढ़ना और तत्काल समाधान ना होना सुशासन के उद्देश्य पर प्रश्न उठाता है। व्यवस्था के अनुरूप तय किया था कि अधिकतम सात से 45 दिनों में शिकायतों का निराकरण करना अनिवार्य होगा। ताजा रिपोर्ट के अनुसार उज्जैन नगर निगम की सफाई से जुड़ी 200, पेयजल से जुड़ी 97, विद्युत से जुड़ी 87, भवन निर्माण अनुज्ञा से जुड़ी 53, सीवरेज से जुड़ी 35, स्थाई अतिक्रमण से जुड़ी 62 और सिविल कार्य से जुड़ी 81 शिकायतें लंबित हैं। पोर्टल पर लाड़ली बहना योजना, आवास योजना, प्रसूति सहायता और मनरेगा की राशि न मिलने की भी ढेरों शिकायतें हैं।