नहीं होगी अब किसानों को जमीन अधिग्रहण की चिंता… उदयपुर की कंपनी को 1619 करोड़ रुपए में मिला इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन बनाने का ठेका

उज्जैन। इंदौर उज्जैन सिक्स लेन बनाने की तैयारी जोरों पर है लेकिन अब इस मार्ग पर किसी भी किसान को जमीन अधिग्रहण की चिंता नहीं करना होगी क्योंकि जिस वक्त उज्जैन इंदौर फोरलेन बना था उसी वक्त अतिरिक्त जमीन अधिग्रहित कर ली गई थी। लिहाजा एमपीआरउीसी को भूमि अधिग्रहण की जटिल और महंगी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।

46 किलोमीटर लम्बे इंदौर-उज्जैन  फोरलेन को सिक्स लेन   में परिवर्तित किया जाना है। पिछले दिनों इसकी टेंडर  प्रक्रिया भी मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम  ने पूरी कर ली है और उदयपुर  की फर्म को 1619 करोड़ रुपए में इसका ठेका मिला है। इस प्रोजेक्ट की महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके लिए एमपीआरडीसी को भूमि अधिग्रहण की जटिल और महंगी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा, क्योंकि फोरलेन निर्माण के वक्त ही अतिरिक्त जमीन अधिगृहीत कर ली गई थी, जो अब सिक्स लेन निर्माण में काम आ जाएगी।

फ्लाईओवर का निर्माण भी होगा

इसमें आधा दर्जन अंडरपास और तीन फ्लाईओवर का निर्माण भी किया जाएगा। दूसरी तरफ देवास-भोपाल स्टेट हाईवे को भी फोर से सिक्स लेन में तब्दील करने की कवायद शुरू की गई है, ताकि सिंहस्थ के मद्देनजर यातायात के दबाव को कम किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंहस्थ-2028 की जहां तैयारियां शुरू करवा दीं, वहीं इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन के निर्माण में भी अब तेजी आएगी। पिछले दिनों ही इसके टेंडर को मंजूर किया गया है। प्रयास यह हैं कि यह सिक्स लेन अगले दो सालों में तैयार हो जाए, यानी सिंहस्थ से पहले ही इस पर से यातायात गुजरने लगे। इंदौर के भौंरासला स्थित अरबिंदो अस्पताल से शुरू होकर यह सिक्स लेन उज्जैन के हरिफाटक ब्रिज तक निर्मित किया जाएगा। अभी वर्तमान फोरलेन की चौड़ाई साढ़े 8-साढ़े 8 मीटर की है, जिसमें दोनों तरफ 4-4 मीटर का इजाफा हो जाएगा, जिससे सिक्स लेन में साढ़े 12-साढ़े 12 मीटर की तीन-तीन लेन यातायात के लिए उपलब्ध हो जाएंगी। पिछले दिनों एमपीआरडीसी ने इसकी टेंडरिंग की प्रक्रिया की और 46 किलोमीटर लम्बे इस फोरलेन को सिक्स लेन में तब्दील करने के लिए 1619 करोड़ रुपए के टेंडर को मंजूरी दी गई, जो 15 फीसदी कम का प्राप्त हुआ।

वर्कऑर्डर के साथ सडक़ निर्माण का काम शुरू करने की तैयारी

अब वर्कऑर्डर के साथ सडक़ निर्माण का काम शुरू करने की तैयारी है। हालांकि अभी मानसून के चलते थोड़ी परेशानी होगी, मगर लाइन अलाइनमेंट सर्वे से लेकर अन्य कार्य हो जाएंगे। इसमें सांवेर, शांति पैलेस तिराहा और इंजीनियरिंग कॉलेज पर फ्लायओवरों का निर्माण भी होगा और इनके साथ सर्विस रोड भी बनाई जाएगी। 8 स्थानों पर बड़े जंक्शन दिए जाएंगे और नदी-नालों पर भी अतिरिक्त ब्रिज बनेंगे तो आधा दर्जन अंडरपास भी तैयार किए जाएंगे। अभी देवास से होकर उज्जैन और कोटा फोरलेन भी बन गया है। उस पर से भी उज्जैन जाने वाला काफी यातायात गुजरने लगा है। अब देवास-भोपाल फोरलेन को भी सिक्स लेन में बदलने की कवायद शुरू की गई है। दरअसल यह स्टेट हाईवे है, जिसकी पूरी मंजूरी प्रदेश सरकार द्वारा ही दी जाना है। 140 किलोमीटर लम्बे इस देवास-भोपाल हाईवे को सिक्स लेन में परिवर्तित करने के लिए पिछले दिनों फिजिबिलिटी सर्वे भी हो चुका है और अब उसकी डीपीआर तैयार की जाएगी। दरअसल इसके लिए जमीन अधिग्रहण भी करना पड़ेगा और उसके बाद फिर सडक़ निर्माण के टेंडर बुलाए जाएंगे। एमपीआरडीसी ही इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगी। इससे इंदौर के साथ-साथ देवास और भोपाल से आने-जाने वाले वाहनों को फायदा मिलेगा और जिन गांवों से ये स्टेट हाईवे गुजरता है, वहां पर अभी जालियां लगाकर सर्विस रोड भी बनाई गई है। अभी लगातार इंदौर-उज्जैन के बीच यातायात का दबाव बढ़ता ही जा रहा है।