हत्या में सहयोगी रहे आरोपितों को भेजा जेल दोस्त पत्नी से प्रताड़ित हो गया था इसलिये दिया साथ
उज्जैन। त्रिवेणी घाट क्षिप्रा नदी से बोरे में बंद महिला की लाश को ठिकाने लगाने में सहयोगी रहे 2 आरोपितों को बुधवार दोपहर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। पूछताछ में उनका कहना था कि दोस्त पत्नी से प्रताड़ित हो चुका था, इसलिये साथ दिया था। लाश को पंवासा से त्रिवेणी तक ले जाने में ई-रिक्शा का उपयोग किया गया था। पुलिस ने ई-रिक्शा भी जप्त की है। हत्या का मुख्य आरोपी मृतक महिला का पति था। जिसे मंगलवार को जेल भेजा जा चुका था। 14 जुलाई को नागझिरी थाना पुलिस ने बोरे में बंद एक महिला की लाश बरामद की थी। महिला के हाथ-पैर बंधे थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। महिला की पहचान रचना पति गोकुल टिपानिया निवासी राममंदिर के पास पंवासा के रूप में हुई थी। पुलिस ने पंवासा थाना एसएचओ की मदद से मामले का कुछ घंटे में खुलासा करते हुए मृतक महिला के पति को गिरफ्तार कर लिया था। उसने लाश मिलने के एक दिन पहले ही पत्नी रचना का गला घोंटकर हत्या कर दी थी और 2 साथियों के साथ मिलकर लाश को बोरे में बंद कर ई-रिक्शा से त्रिवेणी घाट क्षिप्रा नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने हत्यारे पति को एक दिन की रिमांड पर लेने के बाद जेल भेज दिया था। वहीं मंगलवार को उसके सहयोगी रहे साथी विनोद निवासी ग्राम सिकंदरी और चंदू उर्फ चंदर निवासी ट्रेजर बाजार को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ने पूछताछ के दौरान बताया कि गोकुल ने हत्या के बाद उन्हे बुलाया था। विनोद ई-रिक्शा लेकर आया था उसके बाद तीनों ने लाश को बोरे में भरा था। एसआई करण खोवाल ने बताया कि दोनों का कहना था कि गोकुल दोस्त था वह पत्नी से प्रताड़ित हो चुका था, इसलिये उसका साथ दिया। वहीं गोकुल का कहना था कि उसकी पत्नी आये दिन रूपयों को लेकर विवाद करती थी। मारपीट पर उतारू हो जाती थी। बच्चों के साथ भी मारपीट करती थी। पत्नी निजी अस्पताल में काम करती थी। विदित हो कि पत्नी की हत्या करने के बाद गोकुल उसकी गुमशुदगी दर्ज कराने पंवासा थाने भी पहुंचा था।