इंदौर में महिला प्रोफेसर को वाॅट्सएप पर भेजा मनी लांड्रिंंग का नोटिस, एक लाख वसूले
साइबर अपराधियों द्वारा व्हाट्सएप पर नोटिस भेजने का पहला केस
इंदौर। डिजिटल अरेस्ट के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साइबर धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया है। अपराधियों ने महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर एक लाख रुपये वसूल लिए। वाॅट्सएप पर इस तरह की ठगी का यह पहला केस है। अपराधियों ने आरबीआई का फर्जी नोटिस भी जारी कर दिया था। अपराध शाखा की साइबर सेल इसकी जांच में जुटी है। सेल ने एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने की सलाह दी है।
ऑटो रिकाॅर्डेड कॉल आया
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उनके पास फेडेक्स कोरियर (फर्जी) से ऑटो रिकाॅर्डेड काल आया था। आरोपियों ने महिला से बात की और कहा उनके द्वारा ताइवान भेजा पार्सल मुंबई एयरपोर्ट पर जब्त कर लिया गया है। पार्सल में मिथाइलीनडाईऑक्सी मैथाम्फेटामाइन (एमडीएमए) ड्रग, पांच फर्जी पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड निकले हैं। आरोपियों ने कहा यह गंभीर मामला है। इसमें गिरफ्तारी भी संभव है। महिला ने पार्सल भेजने से इनकार किया तो आरोपियों ने स्वयं को फायनेंस डिपार्टमेंट से सत्यापन करवाने का झांसा देकर आधार कार्ड और अन्य प्रकार की निजी जानकारी मांगी।
फर्जी आरबीआई अफसर से बात करवाई
थोड़ी देर बाद फर्जी आरबीआई अफसर से बात करवाई और कहा कि इस आधार कार्ड से कई संदिग्ध बैंक खाते लिंक हैं। उनमें करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। खातों का उपयोग मनी लांड्रिंग में हुआ है। थोड़ी देर बाद महिला को आरबीआई का जाली नोटिस भेजा जिसमें डीसीपी (साइबर) मिलिंद भराम्बे, क्राइम ब्रांच कमिश्नर नितिन पाटिल, जार्ज मैथ्यु और पूर्व आईएएस शक्तिकांत दास का नाम लिखा था।
मनी लांड्रिंग में लिप्त होने की धमकी
नोटिस में मनी लांड्रिंग में लिप्त होने की धमकी दी गई थी। आरोपियों ने जांच और पूछताछ के लिए वीडियो काॅल कर दिया। उन्होंने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और करीब सात घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर निगरानी में रखा। बैंक खाते का सत्यापन करने के लिए आरोपियों ने फर्जी खाते में एक लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
अपराध शाखा पहुंची पीड़िता
इसके बाद बुधवार को पीड़िता अपराध शाखा पहुंची और शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस उन नंबरों की जांच कर रही है जिससे काल आए थे। जानकारी के अनुसार जिस खाते में रुपये जमा हुए उसकी भी जांच चल रही है।
इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का सातवां केस, सावधान रहने की सलाह
अनजान नंबर से आए काल पर स्वयं को कोरियर सर्विस कंपनी का बताने पर भरोसा न करें।
मुंबई एयरपोर्ट पर पार्सल में मिले अवैध मादक पदार्थ, निजी दस्तावेज आपके हैं बताने पर विश्वास न करें। अनजान व्यक्ति को बैंक, आधार की निजी जानकारी न दें। डिजिटल या होम अरेस्ट करने पर अनजान व्यक्ति की बातों में न आएं और तुरंत अपने घर के अन्य सदस्यों से जानकारी साझा करें।
ठग द्वारा मनी लांड्रिंग या अन्य केस में आपके ट्रांजेक्शन की जांच हेतु पैसे की मांग करने पर कभी पैसे नहीं भेजें।
धोखाधड़ी की एनसीआरपी पोर्टल या इंदौर पुलिस द्वारा संचालित साइबर हेल्पलाइन नंबर 7049124445 पर शिकायत करें।