संबद्धता में सांठ-गांठ का खेल, कॉलेजों पर कार्रवाई करने की जगह बना दी एक और समितिनियमों का उल्लंघन कर संचालित किए जा रहे कई कॉलेज
इंदौर. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों को संबद्धता देने के मामले में लगातार नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले विश्वविद्यालय में 13 कॉलेजों के खिलाफ की शिकायत की गई है, जिन्हें करीब एक साल पहले कमेटी द्वारा दोषी करार दिया जा चुका है। इन पर कार्रवाई करने की जगह जांच के नाम पर एक और समिति बना ली और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।
अगस्त 2022 में छात्र नेता ने विश्वविद्यालय को 13 निजी कॉलेजों के खिलाफ शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि इन कॉलेजों में कोड-28 का पालन नहीं किया जा रहा है। इसकी जांच के लिए विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसमें डॉ. राजीव दीक्षित, डॉ. लक्ष्मण शिंदे और डॉ. अर्चना रांका शामिल थी। इस कमेटी ने कॉलेजों का निरीक्षण किया और जनवरी 2024 में जांच रिपोर्ट विश्वविद्यालय को सौंपी। जांच रिपोर्ट में शिकायत सही पाई गई थी। रिपोर्ट में कोड-28 के तहत शिक्षकों की नियुक्ति नहीं किए जाने, प्रयोगशालाएं और खेल मैदान की सुविधा उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई थी।
बना दी एक और समिति विश्वविद्यालय को यह रिपोर्ट कार्यपरिषद के सामने रखकर इन कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लेना था। लेकिन इसे स्थाई समिति के सामने पेश कर एक और समिति बना दी गई, जिसमें परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी, डॉ. राजेश शर्मा और डीसीडीसी डॉ. राजीव दीक्षित शामिल है। अधिकारियेां का कहना है कि पहली जांच समिति की रिपोर्ट का क्रियान्वयन करने के लिए यह समिति बनाई गई है। इस मामले में विश्वविद्यालय सीधे तौर पर संबद्धता के नियमों का उल्लंघन कर रहा है और समिति बनाकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों की सांठ-गांठ से कॉलेज नियमों का उल्लंघन कर संचालित किए जा रहे हैं।
क्या है नियम?
नियमों के अनुसार, यूजी पाठ्यक्रम में 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक और पीजी पाठ्यक्रम में 20 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए। यदि विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच यह अनुपात नहीं है तो विश्वविद्यालय उन कॉलेजों की सीट संख्या कम कर सकता है।
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