भाजपा फिर एक बार राज्यसभा के लिए खेलेगी नया दांव

इंदौर। भाजपा एक बार फिर अपने उम्मीदवार को लेकर चौंका सकती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीत जाने के बाद राज्यसभा में खाली हुई उनकी सीट पर किसी नए उम्मीदवार को का चयन होना है। उस पर उपचुनाव होना है।
इस सीट पर केपी यादव जोकि पिछले लोकसभा चुनाव में गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर लोकसभा पहुंचे थे। उनकी दावेदारी बनती है। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को यदि हम अच्छे से समझते हैं तो उनकी रणनीति उजागर नहीं होती है। ऐसा लगता है कि इस बार राज्यसभा उम्मीदवार को लेकर भाजपा चौंका सकती है। माना जा रहा है इस बार सामान्य वर्ग के किसी व्यक्ति को अवसर दिया जाएगा। इसमें कांति देव सिंह और मुकेश चतुर्वेदी दो नाम सामने आए है।

 

याद हो पिछली बार राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने चर्चित नामों को परे रखकर ओबीसी दलित और महिला कार्ड खेला था। ओबीसी के उम्मीदवार के रूप में बंशीलाल गुर्जर, दलित के रूप में उमेश नाथ महाराज और महिला वर्ग से आशा नारोलिया को राज्यसभा में भेजा था।
इसलिए इस बार सामान्य वर्ग को अवसर दिया जाएगा। उसमें प्रबल दावेदारी क्रांति देव सिंह और मुकेश चतुर्वेदी की है।
कांति देव सिंह विंध्य क्षेत्र से एक राजपूत उम्मीदवार के रूप में प्रबल दावेदारी रखते हैं। इससे देश में राजपूत समाज को संतुष्ट करने या साधने की कोशिश हो सकती है। दूसरी तरफ भिंड से मुकेश चतुर्वेदी जो कि एक कद्दावर नेता है और ब्राह्मण कोटे से आते हैं।
उनको अवसर देकर उनकी पार्टी के प्रति किए गए कार्यों और पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने का उपहार दिया जा सकता है।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा की सभी 29 सीटें जीती है। वह जिस तरह से उत्साह में है उससे लगता है कि केंद्रीय नेतृत्व मोहन यादव की पसंद को ही तवज्जो दे सकता है। अंदरूनी खबर यह है कि मोहन यादव ने ही कांति देव सिंह और मुकेश चतुर्वेदी के नाम आगे बढ़ाए हैं।
उनका मानना है कि ये दोनों में से कोई को उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं। इससे पार्टी को लाभ ही होगा।