नया सत्र शुरू हुआ फिर भी सरकारी स्कूलों को विद्यार्थियों का इंतजार
सरकारी स्कूलों में रूचि कम, हर साल कम हो रहा प्रवेश का आंकड़ा
उज्जैन। जिले के सरकारी स्कूलों के हाल बेहाल है। दरअसल सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के प्रवेश का आंकड़ा इस साल भी कम है। स्कूली शिक्षा विभाग के अधिकारी भी यह स्वीकार करते है कि अभी प्रवेश के लिए नामांकन कराने का आंकड़ा साठ प्रतिशत से उपर नहीं गया है और यह अभी तक का आंकड़ा बीते वर्ष के मुकाबले कम ही है। अमुमन हर वर्ष ही नामांकन या प्रवेश का आंकड़ा कम हो रहा है। इस बार भी सरकारी स्कूल विद्यार्थियों का इंतजार कर रहे है। अमूमन यही स्थिति निजी स्कूलों की भी बताई जा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग भले ही कितने दावे करे , लेकिन यह सच है कि उज्जैन जिले समेत प्रदेश मे बच्चों की पढ़ाई से रुचि कम होती जा रही है। यह हम नहीं बल्कि विभाग के आंकड़े कह रहे हैं। नए शिक्षा सत्र को शुरू हुए दो माह का समय हो चुका है , लेकिन अब भी करीब 24 लाख ऐसे छात्र और छात्राएं हैं, जिनके द्वारा नई कक्षा में प्रवेश अब तक नहीं लिया गया है। इनमें सरकारी के अलावा निजी स्कूलों के भी छात्र और छात्राएं शामिल हैं। इनमें सबसे खराब स्थिति सरकारी स्कूलों की है।
विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अगर कुल छात्रों की संख्या देखें तो उज्जैन जिले समेत यह करीब 23 लाख 73 हजार है। यह वो विद्यार्थी हैं जिनके द्वारा अब तक नए सत्र में प्रवेश नहीं लिया गया है। इस मामले में उज्जैन के स्कूलों की हालत तो और दयनीय है। स्कूल शिक्षा विभाग के जारी आंकड़े बताते हैं कि स्कूलों में प्रवेश को लेकर सरकार के प्रयास कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के यह हाल तब बने हुए हैं, जबकि विभाग का ही बजट 33 हजार 532 करोड़ बजट है। विभाग की स्थिति नवीन शैक्षणिक सत्र के दो महीने स्कूल लगने के बाद सामने आई है। अगर बीते साल की बात की जाए तो निजी व सरकारी स्कूलों को मिलाकर कक्षा एक से लेकर 12 तक की कक्षाओं में 13784369 विद्यार्थियों का पंजीयन हुआ था। इसकी तुलना में अब तक उज्जैन जिले समेत प्रदेश में महज 11410911 विद्यार्थियों का पंजीकरण हुआ है। यह बीते साल की तुलना में 2373458 कम है। नवीन शैक्षणिक सत्र 2024-25 की शुरुआत एक अप्रैल से हो चुकी है। एक महीने स्कूल लगने के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए थे। इसके बाद जून के तीसरे सप्ताह से दोबारा स्कूल खुल गए। करीब एक महीने स्कूलों में कक्षाएं लग चुकी हैं। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद अब विभाग की नींद खुली तो ऐसे विद्यार्थियों को खोजकर नामांकन करवाने व नामांकित विद्यार्थियों की मेपिंग करवाने के निर्देश दिए हैं।नवीन शैक्षणिक सत्र 2024-25 की शुरुआत एक अप्रैल से हो चुकी है। एक महीने स्कूल लगने के बाद ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो गए थे। इसके बाद जून के तीसरे सप्ताह से दोबारा स्कूल खुल गए। करीब एक महीने स्कूलों में कक्षाएं लग चुकी हैं। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद अब विभाग की नींद खुली तो ऐसे विद्यार्थियों को खोजकर नामांकन कराने व नामांकित विद्यार्थियों की मेपिंग करवाने के निर्देश दिए हैं।
इनका कहना है
अभी जिले में प्रवेश का आंकड़ा लगभग अस्सी प्रतिशत से ज्यादा है। यह आंकड़ा कुछ प्रतिशत बढ़ने की संभावना इसलिए है क्योंकि 31 जुलाई तक प्रवेश लिया जा सकता है। हालांकि हर वर्ष आंकड़े कम हो रहे है। बीते वर्ष की तुलना में अभी तक जो आंकड़े
है वह भी कम ही है। – गिरीश तिवारी, एडीपीसी
अभी जिले में प्रवेश का आंकड़ा लगभग अस्सी प्रतिशत से ज्यादा है। यह आंकड़ा कुछ प्रतिशत बढ़ने की संभावना इसलिए है क्योंकि 31 जुलाई तक प्रवेश लिया जा सकता है। हालांकि हर वर्ष आंकड़े कम हो रहे है। बीते वर्ष की तुलना में अभी तक जो आंकड़े
है वह भी कम ही है। – गिरीश तिवारी, एडीपीसी