छह बच्चों की मौत मामले में हर जांच को हवा में उड़ा रहा युगपुरुष धाम

 

इंदौर। श्री युग पुरुष धाम आश्रम में 6 बच्चों की मौत और 90 बच्चों के बीमार होने का मामला अभी भी जांच में है। इंदौर, भोपाल, दिल्ली तक अलग-अलग ढंग से जांच की जा रही है, लेकिन युगपुरुष धाम प्रबंधन है कि हर जांच को जैसे हवा में उड़ा रहा है।
इंदौर कलेक्टर ने आश्रम प्रबंधन से जवाब मांगा था, जिसके जवाब में आश्रम ने दावा किया है कि बच्चों की मौतें डायरिया से हुईं, जो “प्राकृतिक आपदा” थी। हालांकि, जांच में आश्रम परिसर में गंदगी, जंग लगे पानी के पाइप और टंकियों की सफाई में लापरवाही जैसी अनियमितताएं पाई गईं। जिला प्रशासन की जांच कमेटी आश्रम प्रबंधन के जवाब से हैरान हैं और अब कलेक्टर द्वारा उचित कार्रवाई की उम्मीद है।

पांच बिंदुओं पर जवाब

आश्रम प्रबंधन ने 5 बिंदुओं में अपना जवाब दिया है, जिसमें वे खुद को बचाने का प्रयास करते हैं। बच्चों की मौत डिहाइड्रेशन और डायरिया से हुईं, ऐसा आश्रम प्रबंधन का दावा है। खराब मौसम को आश्रम प्रबंधन ने “प्राकृतिक आपदा” का कारण बताया है। जांच कमेटी को मिली अनियमितताएं आश्रम प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाती हैं।

महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी को भी नोटिस

श्री युग पुरुष धाम में हुई बच्चों की मौतों के बाद, कलेक्टर आशीष सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी, रामनिवास बुधोलिया को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस विभागीय निगरानी में लापरवाही और शासन के निर्देशों की अवहेलना के आरोप में जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि बुधोलिया ने इंदौर स्थित आश्रम में अनियमितताओं और लापरवाही का निरीक्षण और समाधान करने में विफलता दिखाई है। कलेक्टर ने कहा कि यह स्वेच्छाचार और कर्तव्यों का उल्लंघन है। उन्होंने बुधोलिया को तीन दिन के भीतर इस मामले में अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। यदि वे समय पर जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम श्री युग पुरुष धाम में हुई दुखद घटनाओं के बाद उठाया गया है, जिसमें छह बच्चों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है और बच्चों की देखभाल करने वाले संस्थानों पर सवाल उठाए हैं।

संस्था ने नहीं दी फंड की जानकारी

श्री युग पुरुष धाम आश्रम में बच्चों की मौतों का मामला अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक पहुंच गया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा गठित एक टीम द्वारा न केवल बच्चों की मौत और बीमारी की जांच की जा रही है, बल्कि संस्था के वित्तीय लेनदेन सहित अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है। छह जुलाई को, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस मामले की जांच के लिए एक दल को इंदौर भेजा था। केंद्रीय जांच दल की सदस्य डॉ. दिव्या गुप्ता ने बताया कि संस्था से कई जानकारी मांगी गई थी, लेकिन एक हफ्ते बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। फंड की जानकारी भी अभी तक नहीं दी गई है। प्रारंभिक जांच में कई अनियमितताएं सामने आई हैं। 6 बच्चों की मौत और लगातार बीमार पड़ रहे बच्चों के बाद, आश्रम ने जल्दबाजी में साफ-सफाई, रंगाई-पुताई और नए बिस्तरों का काम कराया। इसके साथ ही, सभी बच्चों को खंडवा रोड स्थित परमानंद आश्रम में स्थानांतरित कर दिया गया। यह कदम उठाया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों को उचित देखभाल और चिकित्सा सहायता मिले। केंद्रीय जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर, आगे की कार्रवाई की जाएगी।