जिले में गठित होगी निगरानी समिति…..आवरा कुत्तों के काटने की घटनाओं पर लगेगी लगाम
उज्जैन। शहर में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अब भोपाल में अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है। ये अफसर न केवल कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने की रणनीति तैयार करेंगे वहीं अन्य जिलों की तरह उज्जैन जिले में भी पशु जन्म नियंत्रण निगरानी समिति गठित होगी।
कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं से चिंतित सरकार ने अब इससे निपटने के लिए अपने 7 आईएएस सहित 15 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों की बनी कमेटी प्रदेश में कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए रणनीति तैयार करेंगे। आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसमें पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त तरुण पिथौड़े, पंचायत एवं ग्रामीण विकास आयुक्त मनोज पुष्प, नगरीय प्रशासन विभाग आयुक्त भरत यादव और भोपाल-इंदौर नगर निगम के आयुक्त हैं। इसके अलावा राज्य पशु कल्याण बोर्ड, पशु चिकित्सा परिषद और भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्यों को इसमें रखा गया है। जिलों में पशु जन्म नियंत्रण निगरानी समितियां भी गठित की जाएगी, जिसमें पशुओं की क्रूरता से जुड़ी शिकायतों पर सुनवाई होगी। श्वानों के शिकार पीड़ितों की संख्या बता रही है कि हर दिन 17 और हर सप्ताह 102 से ज्यादा लोग आवारा श्वानों के हमले का शिकार हो रहे हैं। इस हिसाब से आने वाले सालों में यह आंकड़ा हजारों तक पहुंच सकता है। नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन के पास कोई समाधान नहीं है। इस मामले में निगम अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के हिसाब से इस समस्या का श्वानों की नसबंदी के अलावा कोई हल नहीं है। श्वानों की संख्या लगातार बढ़ना यह प्राकृतिक है।