भोजशाल : हाई कोर्ट ने कहा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश मिलने के बाद ही होगी सुनवाई

 

इंदौर। धार भोजशाला मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद सोमवार को पहली सुनवाई हुई। सभी पक्षकारों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कोर्ट को बताया कि हमने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन देकर 1 अप्रैल 2024 को दिए स्टे को निरस्त करने की गुहार लगाई है। इस आवेदन पर दो सप्ताह में सुनवाई होना है।
सुनवाई के दौरान कुछ पक्षकारों ने हाई कोर्ट को बताया कि एएसआई ने हमें अब तक सर्वे रिपोर्ट की कॉपी नहीं दी है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि हमने एएसआई को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वह सभी पक्षकारों को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी दें। कोर्ट ने एएसआई के वकील हिमांशु जोशी से कहा कि संबंधित पक्षकारों को आज भी सर्वे रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध करा दीजिए।

यह कहा है सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत आवेदन में

हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत आवेदन में 1 अप्रैल 2024 को दिए स्टे को निरस्त करने की मांग की गई है। दरअसल मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 11 मार्च 2024 को एएसआई को आदेश दिया था कि वह भोजशाला परिसर का अत्याधुनिक तकनीकों से सर्वे करे और रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें।
मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसायटी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। इसमें सर्वे पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2024 को इस याचिका में सर्वे पर रोक तो नहीं लगाई लेकिन हाई कोर्ट को आदेश दिया कि वह एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कोई आदेश जारी नहीं करे। हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की ओर से प्रस्तुत आवेदन में इस स्टे को हटाने की मांग की गई है ताकि हाई कोर्ट सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई कर सके।