भगवान के मनमहेश स्वरूप के दर्शनों को उमडा श्रद्धा का सैलाब -पहली सवारी में धार के जनजातिय दल ने भी भागीदारी की

उज्जैन। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण –भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में सोमवार को पहली सवारी निकाली गई। भगवान के श्री मनमहेश स्वरूप के दर्शनों के लिए श्रद्धा का सैलाब इस दौरान देखा गया। सभा मंडप में प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भगवान का पूजन अर्चन कर उन्हें रजत पालकी में विराजित किया। इसके उपरांत सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई।

सोमवार अपरांह श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में भगवान के श्री मनमहेश स्वरूप का पूजन अर्चन किया गया। इस दौरान भाजपा संगठन के हितानंद शर्मा सहित भाजपा के नेता एवं कलेक्टर नीरजकुमारसिंह,एसपी प्रदीप शर्मा सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे। पूजन उपरांत भगवान को पालकी में विराजित किया गया और सभी उपस्थितजनों ने रजत पालकी को कंधा लगाकर भगवान को नगर भ्रमण के लिए अग्रसर किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र गारद ने पालकी में सवार भगवान के श्री मनमहेश स्वरूप को सलामी दी। पालकी के मंदिर के बाहर आते ही भगवान के श्री मनमहेश मुखारविंद के दर्शनों के लिए पहले से मौजूद श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल का उद्धोष इस दौरान किया। सडक के दोंनों और खडे श्रद्धालुओं ने भगवान की पालकी सामने आते ही दोनों हाथ उठाकर भगवान का जय घोष किया। सवारी मार्ग पर भगवान की एक झलक के दर्शनों के लिए श्रद्धा का सैलाब उमडा हुआ था। शिप्रा किनारे रामघाट पर सवारी के पहुंचने पर यहां भगवान का पूजन अर्चन कर शिप्रा जल से अभिषेक किया गया। इसके उपरांत सवारी परंपरागत मार्ग से एक बार फिर श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए रवाना हुई। सवारी में धार का जनजातीय मंडल अपनी प्रस्तुति दे रहा था। भजन,कीर्तन मंडलियां साथ चल रही थी।

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धालुओं को मंगलकामनाएँ –

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रावण माह में प्रथम सोमवार पर आज भगवान महाकाल की प्रथम सवारी के अवसर पर श्रद्धालुओं को मंगलकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री ने बाबा के श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान करते हुए कामना की है कि बाबा की कृपा उन पर बनी रहे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मंत्रीगण भी सवारी में शामिल हो रहे हैं। उनकी ओर से पहली सवारी में जलसंसाधन मंत्री तुलसी राम सिलावट सवारी में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन और स्वागत के लिए जनजातीय इलाकों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। सवारी के अवसर पर धार, झाबुआ और अन्य जिलों के जनजातीय समाज के बंधु भी भागीदारी करने के लिए शामिल हुए  हैं। आगे भी अन्य जिलों से जनजातीय समाज के भाई-बहन सवारी में शामिल होंगे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महाकाल श्रावण माह को अपने धाम से नगर भ्रमण पर निकलते हैं। माँ क्षिप्रा के किनारे और उज्जैन नगर में अन्य स्थानों पर बाबा महाकाल की सवारी के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह- उमंग देखते ही बनता है। इस सवारी के दर्शन के लिए और मनोकामना लिए देश -विदेश के अनेक स्थानों से लोग उज्जैन आते हैं। आज बाबा महाकाल के प्रत्यक्ष दर्शन के साथ ही अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों से दर्शन संभव है। सावन के महीने में सोमवार को बाबा महाकाल की प्रथम सवारी के दर्शन के लिए भक्ति भावना और उमंग का सागर उमड़ता है।  प्रशासन द्वारा गरिमामय सवारी के लिए आवश्यक प्रबंध भी किए गए हैं। बाबा महाकाल की सवारी को चार – चांद लगाने के लिए और श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है।

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